बपतिस्मा लेने का क्या मतलब है?
शास्त्र से जवाब
बपतिस्मे का मतलब है, एक व्यक्ति को पानी में पूरी तरह डुबकी देकर बाहर निकालना। a बाइबल में कई लोगों के बपतिस्मा लेने का ज़िक्र किया गया है। (प्रेषितों 2:14) एक है यीशु जिसे यरदन नदी में बपतिस्मा दिया गया था। (मत्ती 3:13, 16) सालों बाद जब इथियोपिया का एक आदमी सफर कर रहा था, तो उसे भी एक ऐसी जगह बपतिस्मा दिया गया जहाँ “काफी पानी था।”—प्रेषितों 8:36-40.
यीशु ने सिखाया कि अगर किसी को उसका चेला बनना है, तो उसे बपतिस्मा लेना होगा। (मत्ती 28:19, 20) प्रेषित पतरस ने भी इस बात पर ज़ोर दिया।—1 पतरस 3:21.
इस लेख में हम जानेंगे
बपतिस्मा लेना क्या दिखाता है?
जब एक व्यक्ति बपतिस्मा लेता है, तो वह दूसरों को दिखाता है कि उसने अपने पापों से पश्चाताप किया है। वह यह भी दिखाता है कि उसने परमेश्वर से वादा किया है कि वह हर हाल में उसकी मरज़ी पूरी करेगा। यानी ज़िंदगी के हर मामले में वह परमेश्वर और यीशु की बात मानेगा। जो लोग बपतिस्मा लेते हैं उन्हें आगे चलकर हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी।
पानी में बपतिस्मा लेना इस बात की बिलकुल सही निशानी है कि एक व्यक्ति ने अपनी ज़िंदगी में बदलाव किए हैं। क्यों? क्योंकि बाइबल में बपतिस्मे की तुलना दफनाए जाने से की गयी है। (रोमियों 6:4; कुलुस्सियों 2:12) बपतिस्मे के वक्त जब एक इंसान का पूरा शरीर पानी के अंदर जाता है, तो यह ऐसा है मानो उसकी बीती ज़िंदगी खत्म हो गयी है। और जब वह पानी से बाहर आता है, तो यह ऐसा है मानो वह एक नयी ज़िंदगी की शुरूआत कर रहा है। अब से वह परमेश्वर का एक समर्पित मसीही है।
क्या बाइबल में लिखा है कि शिशुओं को बपतिस्मा देना चाहिए?
नहीं। शिशुओं को बपतिस्मा देने की बात बाइबल में कहीं नहीं दी गयी है। b इसके बजाय बाइबल में बताया गया है कि अगर कोई बपतिस्मा लेना चाहता है, तो उसे कुछ कदम उठाने होंगे। जैसे, उसे बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं की समझ होनी चाहिए और उनके मुताबिक जीना भी चाहिए। उसे अपने पापों से पश्चाताप करने की भी ज़रूरत है। इसके अलावा, उसे प्रार्थना करके अपना जीवन परमेश्वर को समर्पित करना चाहिए। (प्रेषितों 2:38, 41; 8:12) और ये सारे कदम एक शिशु नहीं ले सकता।
पिता, बेटे और पवित्र शक्ति के नाम से बपतिस्मा लेने का क्या मतलब है?
यीशु ने अपने चेलों से कहा, “लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ और उन्हें पिता, बेटे और पवित्र शक्ति के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें वे सारी बातें मानना सिखाओ जिनकी मैंने तुम्हें आज्ञा दी है।” (मत्ती 28:19, 20) “के नाम से” बपतिस्मा लेने का मतलब है, पिता और बेटे के अधिकार और ओहदे को मानना और पवित्र शक्ति की भूमिका को समझना। उदाहरण के लिए, प्रेषित पतरस ने एक आदमी से कहा जो जन्म से लँगड़ा था, “यीशु मसीह नासरी के नाम से मैं तुझसे कहता हूँ, खड़ा हो और चल-फिर।” (प्रेषितों 3:6) यह दिखाता है कि पतरस जानता और मानता भी था कि यीशु के पास अधिकार है और उसी की वजह से वह यह चमत्कार कर पाया।
“पिता” यहोवा c परमेश्वर है। वह सृष्टिकर्ता, जीवनदाता और सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। इसलिए यहोवा से बड़ा अधिकारी और कोई नहीं है।—उत्पत्ति 17:1; प्रकाशितवाक्य 4:11.
‘बेटा’ यीशु मसीह है जिसने अपनी जान हमारी खातिर दे दी। (रोमियों 6:23) इंसानों के लिए परमेश्वर का जो मकसद है, उसे पूरा करने में यीशु की एक अहम भूमिका है। अगर हम उसकी भूमिका को समझेंगे और कबूल करेंगे तभी हमें उद्धार मिलेगा।—यूहन्ना 14:6; 20:31; प्रेषितों 4:8-12.
“पवित्र शक्ति” परमेश्वर की ज़ोरदार शक्ति है। d उसने अपनी इसी शक्ति से सृष्टि की चीज़ें बनायीं, जीवन दिया, अपने भविष्यवक्ताओं और दूसरे लोगों तक अपना संदेश पहुँचाया और उसकी मरज़ी पूरी करने के लिए उन्हें ताकत दी। (उत्पत्ति 1:2; अय्यूब 33:4; रोमियों 15:18, 19) यहोवा ने पवित्र शक्ति से बाइबल के लेखकों को भी प्रेरित किया कि वे उसके विचार लिखें।—2 पतरस 1:21.
क्या फिर से बपतिस्मा लेना पाप है?
कई लोग, यहाँ तक कि ईसाई लोग भी अपना धर्म बदलते हैं। तो अगर किसी ईसाई का पहले से चर्च में बपतिस्मा हो चुका है, तो क्या उसका दोबारा बपतिस्मा लेना पाप होगा? कुछ लोग इफिसियों 4:5 के आधार पर ‘हाँ’ कहेंगे। उस वचन में लिखा है, “एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा।” लेकिन असल में इस वचन का मतलब यह नहीं कि एक व्यक्ति दोबारा बपतिस्मा नहीं ले सकता। यह हम कैसे कह सकते हैं?
आस-पास के वचन: इफिसियों 4:5 के आस-पास के वचनों से पता चलता है कि प्रेषित पौलुस इस बात पर ज़ोर दे रहा था कि सभी सच्चे मसीहियों में एकता होनी चाहिए और उन्हें एक ही शिक्षाएँ माननी चाहिए। (इफिसियों 4:1-3, 16) और यह तभी होगा जब वे “एक ही प्रभु” यानी यीशु मसीह को मानेंगे, उनका “एक ही विश्वास” होगा यानी वे बाइबल की शिक्षाएँ एक ही तरह से समझेंगे और वे सब बपतिस्मा लेने के लिए वही कदम उठाएँगे जो बाइबल में बताए गए हैं।
जिन लोगों का पहले से बपतिस्मा हो चुका था, पौलुस ने उनमें से कुछ को बढ़ावा दिया कि वे फिर से बपतिस्मा लें। उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब उन्होंने पहले बपतिस्मा लिया था तब उन्हें मसीही शिक्षाओं की पूरी समझ नहीं थी।—प्रेषितों 19:1-5.
बपतिस्मा लेने का सही आधार: अगर हम चाहते हैं कि परमेश्वर हमें मंज़ूर करे, तो हमें पहले बाइबल की सच्चाइयों का सही ज्ञान लेना होगा और उसके आधार पर बपतिस्मा लेना होगा। (1 तीमुथियुस 2:3, 4) इसलिए अगर एक इंसान ऐसी शिक्षाएँ मानते हुए बपतिस्मा लेता है, जो बाइबल से नहीं हैं, तो परमेश्वर की नज़र में उसका बपतिस्मा कोई मायने नहीं रखता। (यूहन्ना 4:23, 24) भले ही उसे लगे कि वह जो कर रहा है, सही कर रहा है, फिर भी सच तो यह है कि उसका बपतिस्मा “सही ज्ञान के मुताबिक नहीं” है। (रोमियों 10:2) इसलिए उसे बाइबल की सच्चाइयाँ सीखनी होगी, उनके मुताबिक जीना होगा, अपना जीवन परमेश्वर को समर्पित करना होगा और दोबारा बपतिस्मा लेना होगा। ऐसे में उसका दोबारा बपतिस्मा लेना पाप नहीं होगा बल्कि सही काम होगा।
बाइबल में बताए अलग-अलग किस्म के बपतिस्मे
बाइबल में पानी में बपतिस्मा लेने के अलावा, और भी दूसरे किस्म के बपतिस्मों का ज़िक्र है। इन बपतिस्मों के मायने अलग हैं। आइए कुछ उदाहरणों पर गौर करें।
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने जो बपतिस्मा दिया: e यूहन्ना, यहूदियों और यहूदी धर्म अपनानेवालों को बपतिस्मा देता था। उनका बपतिस्मा इस बात की निशानी था कि उन्होंने मूसा के कानून के खिलाफ जो पाप किए थे, उनका उन्होंने पश्चाताप किया है। (मूसा का कानून वह कानून था जो परमेश्वर ने मूसा के ज़रिए इसराएलियों को दिया था।) यूहन्ना ने जो बपतिस्मा दिया, उससे लोग मसीहा यानी नासरत के रहनेवाले यीशु को पहचानने और उस पर विश्वास करने के लिए तैयार हो पाए।—लूका 1:13-17; 3:2, 3; प्रेषितों 19:4.
यीशु का बपतिस्मा: यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीशु को बपतिस्मा दिया था। यीशु का बपतिस्मा बहुत अलग था। वह एक परिपूर्ण इंसान था, उसने कभी कोई पाप नहीं किया। (1 पतरस 2:21, 22) इसलिए उसका बपतिस्मा इस बात की निशानी नहीं था कि वह पश्चाताप कर रहा है या “साफ ज़मीर पाने के लिए परमेश्वर से गुज़ारिश” कर रहा है। (1 पतरस 3:21) इसके बजाय उसने बपतिस्मा लेकर यह दिखाया कि वह वही मसीहा है जिसके बारे में भविष्यवाणी की गयी थी और वह खुद को परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने के लिए दे रहा है। और परमेश्वर की मरज़ी में यह शामिल था कि वह हमारी खातिर अपनी जान दे दे।—इब्रानियों 10:7-10.
पवित्र शक्ति से बपतिस्मा: यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले और यीशु, दोनों ने पवित्र शक्ति से बपतिस्मा देने की बात की। (मत्ती 3:11; लूका 3:16; प्रेषितों 1:1-5) यह बपतिस्मा, पवित्र शक्ति के नाम से बपतिस्मा लेने से अलग है। (मत्ती 28:19) वह कैसे?
यीशु के सिर्फ कुछ चेलों को पवित्र शक्ति से बपतिस्मा दिया जाता है। यानी पवित्र शक्ति से उनका अभिषेक किया जाता है क्योंकि उन्हें स्वर्ग में यीशु के साथ राजा और याजक के नाते काम करने के लिए चुना गया है। f (1 पतरस 1:3, 4; प्रकाशितवाक्य 5:9, 10) वे यीशु के उन लाखों चेलों पर राज करेंगे जिन्हें धरती पर फिरदौस में हमेशा जीने की आशा है।—मत्ती 5:5; लूका 23:43.
मसीह यीशु में और उसकी मौत में बपतिस्मा पाना: जिन चेलों का पवित्र शक्ति से बपतिस्मा होता है, वे ‘मसीह यीशु में भी बपतिस्मा पाते हैं।’ (रोमियों 6:3) यानी यह बपतिस्मा सिर्फ यीशु के अभिषिक्त चेलों के लिए है, जो स्वर्ग में उसके साथ मिलकर राज करेंगे। यह बपतिस्मा पाकर वे अभिषिक्त मसीहियों की मंडली का हिस्सा बनते हैं। इस मंडली की तुलना शरीर से की गयी है, जिसका सिर यीशु है और अभिषिक्त मसीही शरीर के अलग-अलग अंग हैं।—1 कुरिंथियों 12:12, 13, 27; कुलुस्सियों 1:18.
अभिषिक्त मसीही ‘यीशु की मौत में भी बपतिस्मा पाते हैं।’ (रोमियों 6:3, 4) यानी यीशु की तरह वे भी अपनी पूरी ज़िंदगी खुद को खुश करने के बजाय परमेश्वर की आज्ञा मानते हैं। यीशु की तरह वे भी जानते हैं कि वे हमेशा के लिए धरती पर नहीं जीएँगे। उनका यह बपतिस्मा तब खत्म होता है जब उनकी मौत हो जाती है और स्वर्ग में उन्हें अदृश्य प्राणी के तौर पर ज़िंदा किया जाता है।—रोमियों 6:5; 1 कुरिंथियों 15:42-44.
आग से बपतिस्मा: यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने लोगों से कहा, “[यीशु] तुम लोगों को पवित्र शक्ति से और आग से बपतिस्मा देगा। उसके हाथ में अनाज फटकनेवाला बेलचा है, वह अपने खलिहान को पूरी तरह साफ करेगा और अपने गेहूँ को तो इकट्ठा करके गोदाम में रखेगा, मगर भूसी को उस आग में जला देगा जिसे बुझाया नहीं जा सकता।” (मत्ती 3:11, 12) ध्यान दीजिए कि आग से बपतिस्मा देने और पवित्र शक्ति से बपतिस्मा देने में कुछ फर्क है। यूहन्ना उदाहरण देकर क्या कहना चाहता था?
“गेहूँ” उन लोगों को दर्शाता है, जो यीशु की बात सुनते हैं और उसकी आज्ञा मानते हैं। वे पवित्र शक्ति से बपतिस्मा पा सकते हैं। “भूसी” उन लोगों को दर्शाती है जो यीशु की बात नहीं सुनते। उन्हें आग से बपतिस्मा दिया जाएगा, यानी उन्हें हमेशा के लिए नाश कर दिया जाएगा।—मत्ती 3:7-12; लूका 3:16, 17.
a जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “बपतिस्मा” किया गया है, उसका मतलब है “डुबोना, गोता लगाना और पानी के अंदर पूरी तरह जाना और फिर बाहर आना।”—Vine’s Complete Expository Dictionary of Old and New Testament Words.
b कुछ चर्चों में एक रिवाज़ है, जिसमें शिशुओं को बपतिस्मा दिया जाता है और उनका नामकरण किया जाता है। उन्हें बपतिस्मा देने के लिए उन पर पानी छिड़का जाता है या सिर पर पानी डाला जाता है।
c बाइबल के मुताबिक, परमेश्वर का नाम यहोवा है। (भजन 83:18) लेख “यहोवा कौन है?” पढ़ें।
d लेख “पवित्र शक्ति क्या है?” पढ़ें।
e लेख “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कौन था?” पढ़ें।
f लेख “कौन स्वर्ग जाएँगे?” पढ़ें।
g बाइबल में शब्द “बपतिस्मा” शुद्धिकरण की कुछ विधियों के लिए भी इस्तेमाल किया गया है। (इब्रानियों 9:10, फुटनोट) लेकिन यीशु और उसके चेलों का पानी में डुबकी लगाकर बपतिस्मा लेने का कुछ और ही मतलब होता है।