उनके विश्वास की मिसाल पर चलिए—बाइबल में दर्ज़ लोगों की कहानी
सृष्टि की शुरूआत से लेकर जलप्रलय तक
हाबिल—‘हालाँकि वह मर चुका है, मगर वह आज भी बोलता है’
जब बाइबल में हाबिल के बारे में इतनी कम जानकारी है, तो हम उसके और उसके विश्वास के बारे में क्या सीख सकते हैं?
हनोक: “उसने परमेश्वर को खुश किया”
अगर आप पर परिवार की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी है या आपको अकेले ही सच का साथ देना पड़ रहा है, तो आप हनोक के विश्वास की मिसाल से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
नूह—वह “सच्चे परमेश्वर के साथ-साथ चलता रहा”
नूह और उसकी पत्नी ने अपने बच्चों की परवरिश करने में किन मुश्किलों का सामना किया? उन्होंने कैसे विश्वास रखते हुए जहाज़ बनाने का काम किया?
उसे सात और लोगों के साथ बचाया गया
नूह और उसका परिवार उस मुश्किल घड़ी से कैसे बच निकला?
कुलपिताओं के दिनों में
अब्राम—‘उन सबका पिता जो विश्वास करते हैं’
अब्राम ने कैसे दिखाया कि उसमें विश्वास था? आप किन तरीकों से दिखाना चाहेंगे कि आपमें अब्राम जैसा विश्वास है?
सारा—‘तू इतनी खूबसूरत है’
मिस्र में फिरौन के हाकिम देखते हैं कि सारा बहुत खूबसूरत है। इसके बाद जो होता है, उसे पढ़कर आप हैरान रह जाएँगे।
सारा—परमेश्वर ने उसे “राज-घराने की औरत” कहा
सारा का नया नाम क्यों सही था?
“क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूँ?”
क्या आपके पारिवारिक रिश्तों में जलन, बगावत या नफरत की वजह से दरार आयी है? अगर हाँ, तो आप यूसुफ की कहानी से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
अय्यूब—“मैं मरते दम तक निर्दोष बना रहूँगा!”
जानिए कि बाइबल में दी गयी अय्यूब की कहानी से हमें दुख-तकलीफें और विश्वास की परीक्षाएँ सहने की हिम्मत कैसे मिलेगी।
मिस्र से निकलना और न्यायियों के दिनों में
रूत—“जहाँ तू जाएगी, वहाँ मैं भी जाऊँगी”
रूत क्यों अपना देश और परिवार छोड़ने के लिए तैयार थी? उसने कैसे गुण दिखाए जिस वजह से यहोवा ने उसे अनमोल समझा?
रूत—“एक नेक औरत”
रूत और बोअज़ की शादी के बारे में क्या बात गौर करने लायक है? रूत और नाओमी से हम परिवार के बारे में क्या सीख सकते हैं?
हन्ना—उसने दिल खोलकर परमेश्वर से प्रार्थना की
हन्ना को यहोवा पर विश्वास था, इसलिए वह अपनी समस्या का सामना कर पायी जिसका कोई हल नज़र नहीं आ रहा था।
शमूएल—वह “यहोवा के सामने बढ़ने लगा”
शमूएल का बचपन कैसे अनोखा था? जब वह पवित्र डेरे में रहता था तब किस बात से उसे अपना विश्वास बढ़ाने में मदद मिली?
शमूएल—निराशा के बावजूद उसने धीरज रखा
हम सब कभी-न-कभी जीवन में मुश्किलों का और निराशा का सामना करते हैं और ऐसे में हमारे विश्वास की परख होती है। शमूएल से हम धीरज धरने के बारे में क्या सीखते हैं?
राजाओं और भविष्यवक्ताओं के दिनों में
योनातान—‘यहोवा के लिए कोई बात रुकावट नहीं है’
योनातान अकेले ही अपने एक सेवक के साथ पलिश्तियों की एक बड़ी सेना से लड़ने गया। इसका जो नतीजा हुआ, वह इतिहास में यादगार बन गया।
“युद्ध यहोवा का है”
दाविद को गोलियत पर जीत हासिल करने में किस बात ने मदद की? हम दाविद से क्या सीख सकते हैं?
दाविद और योनातान—‘उनके बीच गहरी दोस्ती हो गयी’
ऐसे दो लोगों के बीच गहरी दोस्ती कैसे हो सकती है जिनकी परवरिश और उम्र में ज़मीन-आसमान का फर्क है? उनकी कहानी से आप दोस्ती करने के बारे में क्या सीख सकते हैं?
अबीगैल—उसने समझ-बूझ से काम लिया
अबीगैल ने शादीशुदा ज़िंदगी में आयी तकलीफों के बावजूद जो अच्छी मिसाल रखी उससे हम क्या सीख सकते हैं
एलियाह—वह सच्ची उपासना के पक्ष में खड़ा हुआ
जब लोग बाइबल की शिक्षाओं पर हमसे सहमत नहीं होते, तो हम एलियाह की तरह क्या कर सकते हैं?
एलियाह—वह चौकन्ना रहा और इंतज़ार करता रहा
यहोवा के वादे के पूरा होने तक एलियाह कैसे इंतज़ार करता रहा और उसने प्रार्थना की?
एलियाह—उसने अपने परमेश्वर से दिलासा पाया
किन घटनाओं की वजह से एलियाह इतना निराश हो गया कि उसने मर जाना चाहा?
एलियाह—उसने अंत तक धीरज रखा
एलियाह ने जिस तरह धीरज रखा, उससे हम सीखते हैं कि हम मुश्किलों के दौरान कैसे अपना विश्वास मज़बूत कर सकते हैं।
योना—उसने अपनी गलतियों से सबक सीखा
क्या आप भी कभी योना की तरह कोई ज़िम्मेदारी कबूल करने से डर गए? उसकी कहानी हमें यहोवा के सब्र और उसकी दया के बारे में बहुत कुछ सिखाती है।
योना—उसने दया दिखाना सीखा
योना की कहानी से कैसे हमें खुद की ईमानदारी से जाँच करने का बढ़ावा मिलता है?
एस्तेर—उसने अपने लोगों को बचाने के लिए कदम उठाया
दूसरों की खातिर अपनी जान देने के लिए हमें एस्तेर के जैसा विश्वास और हिम्मत की ज़रूरत है।
एस्तेर—उसने उसने हिम्मत और बुद्धि से काम लिया
एस्तेर ने कैसे अपनी जान की परवाह किए बिना यहोवा और उसके लोगों की खातिर काम किया?
पहली सदी में
मरियम—“देख! मैं तो यहोवा की दासी हूँ!”
मरियम ने जिब्राईल स्वर्गदूत से जो कहा, उससे उसके विश्वास के बारे में क्या पता चलता है? उसमें और कौन-से अनमोल गुण थे?
मरियम—“वह इनके मतलब के बारे में गहराई से सोचने लगी”
मरियम के साथ बेतलेहेम में जो घटनाएँ घटीं उनसे यहोवा के वादों पर उसका विश्वास मज़बूत हुआ।
मरियम तलवार जैसे दुख के ज़ख्म सह पायी
अगर हम लंबे समय से किसी दुख-तकलीफ से गुज़र रहे हैं, यीशु की माँ मरियम की मिसाल हमारी मदद कर सकती है
यूसुफ—एक अच्छा पिता
यूसुफ ने किन तरीकों से अपने परिवार की हिफाज़त की? वह मरियम और यीशु को मिस्र क्यों ले गया?
मारथा—“मुझे यकीन है”
मारथा ने दुख की घड़ी में भी कैसे लाजवाब विश्वास दिखाया?
पतरस—उसने डरने और शक करने की कमज़ोरी पर काबू पाया
शक एक इंसान पर बहुत बुरा असर कर सकता है। मगर यीशु के पीछे चलने का फैसला करते वक्त पतरस ने अपने दिल से शक और डर दूर किया।
पतरस—वह परीक्षाओं में भी वफादार रहा
पतरस के विश्वास और उसकी वफादारी ने कैसे उसे यीशु की सलाह मानने में मदद दी?
पतरस—उसने प्रभु से माफ करना सीखा
यीशु ने पतरस को माफ करने के बारे में क्या सिखाया? उसने पतरस को कैसे भरोसा दिलाया कि उसने उसे माफ कर दिया है?