गीत 93
हमारी सभाओं पर आशीष दे
-
1. आशीष दे सभाओं पे याह,
करते ये दुआ तुझसे।
तेरे सामने हम खड़े हैं,
तू पवित्र शक्-ति दे।
-
2. प्यार से कैसे दें गवाही,
याह, तू ही हमको सिखा।
भक्-ति और सेवा हमारी,
कर कबूल इन्हें पिता।
-
3. एकता और अमन हो हम में,
कर मदद हमारी याह।
नेक बातों और कामों से भी
नाम तेरा करें ऊँचा।
(भज. 22:22; 34:3; यशा. 50:4 भी देखें।)