व्यवस्थाविवरण 33:1-29
33 सच्चे परमेश्वर के सेवक मूसा ने अपनी मौत से पहले इसराएलियों को यह आशीर्वाद दिया।+
2 उसने कहा,
“यहोवा सीनै से आया,+सेईर से उन पर अपना प्रकाश चमकाया।
उसने पारान के पहाड़ी प्रदेश से अपनी महिमा का तेज चमकाया,+उसके साथ लाखों पवित्र स्वर्गदूत थे,+दायीं तरफ उसके योद्धा थे।+
3 उसे अपने लोगों से प्यार था,+उनके सभी पवित्र लोग तेरे हाथ में हैं।+
वे तेरे पैरों के पास बैठते थे,+वे तेरा उपदेश सुनने लगे।+
4 (मूसा ने हमें एक आज्ञा दी, एक कानून दिया,+जो याकूब की मंडली की जागीर है।)+
5 जब लोगों के मुखिया+ और इसराएल के सब गोत्र साथ इकट्ठा हुए,+तब परमेश्वर यशूरून*+ में राजा बना।
6 रूबेन हमेशा जीता रहे, उसे कभी मौत न आए,+उसके आदमियों की गिनती कभी कम न हो।”+
7 मूसा ने यहूदा को यह आशीर्वाद दिया:+
“हे यहोवा, यहूदा की बिनती सुन,+तू उसे उसके लोगों के पास वापस लाए।
जो उसका है उसकी हिफाज़त उसने अपने हाथों से की,*तू दुश्मनों से लड़ने में उसकी मदद करे।”+
8 लेवी के बारे में उसने कहा,+
“तेरा* तुम्मीम और ऊरीम+ तेरे वफादार जन का है,+जिसे तूने मस्सा में परखा था।+
तू मरीबा के सोते के पास उससे झगड़ने लगा।+
9 उसने अपने माँ-बाप के बारे में कहा, ‘मैंने उनकी परवाह नहीं की।’
उसने अपने भाइयों को नज़रअंदाज़ कर दियाऔर अपने बेटों का भी साथ नहीं दिया।+
क्योंकि उन्होंने तेरी बात मानी,और तेरा करार माना।+
10 वे याकूब को तेरे न्याय-सिद्धांत+और इसराएल को तेरा कानून सिखाएँ।+
वे तेरे लिए धूप चढ़ाएँ जिसकी सुगंध पाकर तू खुश होता है+और तेरी वेदी पर पूरा-का-पूरा चढ़ावा अर्पित करें।+
11 हे यहोवा, उसकी ताकत पर आशीष दे,उसके हाथ के कामों से खुश हो।
उसके खिलाफ उठनेवालों के पैर* कुचल देताकि उससे नफरत करनेवाले फिर कभी उसके खिलाफ न उठें।”
12 बिन्यामीन के बारे में उसने कहा,+
“यहोवा का यह प्यारा उसके पास महफूज़ बसा रहे,परमेश्वर सारा दिन उसे पनाह दिए रहेगाऔर वह उसके कंधों के बीच रहा करेगा।”
13 यूसुफ के बारे में उसने कहा,+
“यहोवा उसकी ज़मीन पर आशीष दे,+आकाश की अच्छी-अच्छी चीज़ें बरसाए,ओस की बूँदें और नीचे से सोतों का पानी,+
14 सूरज की बदौलत उगनेवाली अच्छी-अच्छी चीज़ें,हर महीने मिलनेवाली बेहतरीन उपज,+
15 ज़माने से खड़े पहाड़ों* की उम्दा चीज़ें,+सदा कायम रहनेवाली पहाड़ियों की अच्छी-अच्छी चीज़ें,
16 धरती और उसके भंडार की अच्छी-अच्छी चीज़ें दे+और उसे परमेश्वर की मंज़ूरी मिले जो कँटीली झाड़ी में प्रकट हुआ था।+
यूसुफ के सिर पर इन आशीषों की बौछार हो,उसके सिर पर, जिसे अपने भाइयों में से चुना गया।+
17 उसकी शान पहलौठे बैल जैसी है,उसके सींग जंगली साँड़ के सींग जैसे हैं।
वह अपने सींगों से देश-देश के लोगों कोधरती के छोर तक धकेलेगा।*
उसके सींग एप्रैम के लाखों लोग+और मनश्शे के हज़ारों लोग हैं।”
18 जबूलून के बारे में उसने कहा,+
“हे जबूलून, तू बाहर जाते समय खुशियाँ मनाऔर हे इस्साकार, तू अंदर अपने तंबुओं में खुश रहे।+
19 वे समुंदर के खज़ाने से
और बालू में छिपे गोदामों से भरपूर दौलत हासिल करेंगे,इसलिए वे देश-देश के लोगों को पहाड़ों पर बुलाएँगेऔर नेकी के बलिदान चढ़ाएँगे।”
20 गाद के बारे में उसने कहा,+
“गाद की सरहदें बढ़ानेवाला सुखी रहे।+
गाद वहाँ शेर की तरह घात लगाए बैठा है,वह अपने शिकार का हाथ, यहाँ तक कि उसका सिर फाड़ खाने को तैयार है।
21 वह अपने लिए पहला हिस्सा चुनेगा+क्योंकि कानून देनेवाले ने वहीं उसका हिस्सा तय किया है।+
लोगों के मुखिया एक-साथ इकट्ठा होंगे।
गाद यहोवा की ओर से न्याय करेगाउसके न्याय-सिद्धांत इसराएल के मामले में लागू करेगा।”
22 दान के बारे में उसने कहा,+
“दान शेर का बच्चा है।+
वह बाशान से छलाँग लगाएगा।”+
23 नप्ताली के बारे में उसने कहा,+
“नप्ताली यहोवा की मंज़ूरी पाकर संतुष्ट है,उसे परमेश्वर की भरपूर आशीषें मिली हैं।
तू पश्चिम और दक्षिण को अपने कब्ज़े में कर ले।”
24 आशेर के बारे में उसने कहा,+
“आशेर को बहुत-सी संतानों का सुख मिला है।
उस पर उसके भाई मेहरबान हों,और वह अपना पाँव तेल में डुबोए।*
25 तेरे दरवाज़े के कुंडे लोहे और ताँबे के हैं,+तू सारी ज़िंदगी महफूज़ रहेगा।”*
26 “यशूरून+ के सच्चे परमेश्वर+ जैसा कोई नहीं,जो तेरी मदद करने आकाश से होकर आता है,जो पूरे वैभव के साथ बादलों पर सवार होकर आता है।+
27 परमेश्वर मुद्दतों से तेरी पनाह रहा है,+उसकी बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी।+
वह दुश्मन को तेरे सामने से खदेड़ देगा+और कहेगा, ‘मिटा दे इन सबको!’+
28 इसराएल उस देश में महफूज़ बसा रहेगा,याकूब का सोता अलग रहेगा,जो अनाज और नयी दाख-मदिरा का देश है,+जिसके ऊपर आसमान से ओस टपकती है।+
29 हे इसराएल, तू कितना सुखी है!+
तेरे जैसा और कोई नहीं,+यहोवा तेरा उद्धार करता है,+वह तेरी हिफाज़त करनेवाली ढाल है,+वह तेरी विजयी तलवार है।
दुश्मन तेरे आगे डर से दुबक जाएँगे+और तू उनकी पीठ* रौंद डालेगा।”
कई फुटनोट
^ मतलब “सीधा-सच्चा जन,” इसराएल को दी गयी सम्मान की उपाधि।
^ या “उसके लिए वह अपने हाथों से लड़ा।”
^ इस आयत में “तेरा,” “तूने” और “तू” परमेश्वर के लिए इस्तेमाल किए गए हैं।
^ या “की कमर।”
^ या शायद, “पूरब के पहाड़ों।”
^ या “सींग मारेगा।”
^ या “से धोए।”
^ शा., “जैसे तेरे दिन हैं वैसी तेरी ताकत होगी।”
^ या शायद, “ऊँची जगह।”