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बाइबल से जुड़े सवालों के जवाब

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क्या मरे हुओं के लिए कोई आशा है?

मौत की तुलना नींद से की गयी है। मरे हुए कुछ-भी नहीं जानते और न ही वे कुछ कर सकते हैं। लेकिन जीवन का सृष्टिकर्ता मरे हुओं को दोबारा ज़िंदा कर सकता है। यह हम कैसे कह सकते हैं? धरती पर रहते वक्‍त परमेश्‍वर के बेटे यीशु ने ऐसे कई लोगों को ज़िंदा किया, जो मर चुके थे। लोगों को ज़िंदा करने की ताकत यीशु को यहोवा परमेश्‍वर ने दी थी।—सभोपदेशक 9:5; यूहन्‍ना 11:11, 43, 44 पढ़िए।

किस मायने में मौत नींद की तरह है?

परमेश्‍वर वादा करता है कि जो मरे हुए उसकी याददाश्‍त में हैं, उन्हें नयी दुनिया में जहाँ नेकी का बसेरा होगा वहाँ दोबारा ज़िंदा किया जाएगा। इसलिए हम कह सकते हैं कि जो मौत की नींद सो गए हैं, वे उसी दशा में रहेंगे जब तक कि परमेश्‍वर उन्हें दोबारा ज़िंदा न करे। सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की दिली तमन्‍ना है कि वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करके मरे हुओं को दोबारा ज़िंदा करे।—अय्यूब 14:14, 15 पढ़िए।

दोबारा ज़िंदा किया जाना किस तरह होगा?

जब परमेश्‍वर, लोगों को दोबारा ज़िंदा करेगा तब वे खुद को, अपने दोस्तों और अपने परिवारवालों को पहचान सकेंगे। यह सच है कि मरने पर एक इंसान का शरीर सड़ जाता है या मिट्टी में पूरी तरह मिल जाता है, लेकिन परमेश्‍वर उसी इंसान को दोबारा एक नया शरीर दे सकता है।—1 कुरिंथियों 15:35, 38 पढ़िए।

सिर्फ कुछ लोगों को स्वर्ग में जीने के लिए दोबारा ज़िंदा किया जाएगा। (प्रकाशितवाक्य 20:6) मगर ज़्यादातर लोग फिरदौस बनी इसी धरती पर दोबारा ज़िंदा किए जाएँगे। इस तरह मरे हुओं के लिए यह एक नयी शुरूआत होगी, वह भी हमेशा-हमेशा तक जीने की आशा के साथ।—भजन 37:29; प्रेषितों 24:15 पढ़िए। (w13-E 10/01)