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मैं यहोवा के साक्षियों की सभाओं में क्यों जाऊँ?

मैं यहोवा के साक्षियों की सभाओं में क्यों जाऊँ?

नौजवान पूछते हैं

मैं यहोवा के साक्षियों की सभाओं में क्यों जाऊँ?

क्या आपको साक्षियों की सभाओं में जाना अच्छा लगता है?

हाँ

सभाओं में जाते रहिए

नहीं

आप क्या कर सकते हैं?

बाइबल परमेश्‍वर के लोगों को आज्ञा देती है कि वे उपासना के लिए इकट्ठा हों। (इब्रानियों 10:25) लेकिन अगर आपको सभाओं में जाना अच्छा ही नहीं लगता, तो आप क्या कर सकते हैं? क्या आप सभाओं में बैठे-बैठे यही सोचते रहते हैं कि अगर आप कहीं और होते, सभाओं के अलावा कहीं भी, तो आप कितना मज़ा कर रहे होते? आगे दिए सुझावों को आज़माइए और देखिए कि इनसे आपको कुछ फर्क महसूस होता है या नहीं।

1. नियमित रहिए

बाइबल कहती है: “सभाओं में आना मत छोड़ो। जैसी कि कुछों को तो वहाँ नहीं आने की आदत ही पड़ गयी है।”—इब्रानियों 10:25, हिंदी ईज़ी-टू-रीड वर्शन।

शायद आप सोचें, ‘जब मुझे फलाँ काम पसंद ही नहीं है, तो मैं वह बार-बार क्यों करूँ?’ क्योंकि ऐसा करने से आपको धीरे-धीरे उस काम में मज़ा आने लगेगा। ज़रा सोचिए, जब तक आप किसी खेल को लगातार नहीं खेलेंगे, तब तक आप उसमें माहिर कैसे होंगे और आपको उसमें मज़ा कैसे आएगा? सभाओं के बारे में भी यही बात सच है। आप सभाओं में जितना नियमित होंगे उतना ही आपमें परमेश्‍वर की उपासना करने का जोश जागेगा, आपको मज़ा आने लगेगा और आप बार-बार सभाओं में जाना चाहेंगे।—मत्ती 5:3.

सुझाव: हर सभा के खत्म होने पर भाषण देनेवाले भाइयों में से कम-से-कम एक को यह बताइए कि आपको उसके भाषण में क्या अच्छा लगा। सभा में बतायी गयी कोई ऐसी बात अपनी डायरी में लिखिए जिससे आपको फायदा हुआ हो। जो भाषण पेश किए जाते हैं वे ज़्यादातर इस बारे में होते हैं कि हम दूसरों को बाइबल का संदेश कैसे सुना सकते हैं। इसलिए अगर आप दूसरों को अपने विश्‍वास के बारे में और अच्छी तरह बताने का लक्ष्य रखेंगे, तो आपको सभा में बतायी गयी बातें काम की लगेंगी।

“मुझे बचपन से सिखाया गया था कि सभाओं में जाना ज़रूरी है। जब मैं छोटी थी, तब भी मुझे कभी यह खयाल नहीं आया कि अगर मेरा सभाओं में जाने का मन नहीं है, तो मैं घर पर रुक सकती हूँ। आज भी ऐसा खयाल मेरे मन में नहीं आता।”—केलसी।

सौ बात की एक बात: जो सभाओं में नियमित तौर पर हाज़िर होते हैं, उन्हें सभाओं से ज़्यादा फायदा होता है और उन्हें ज़्यादा मज़ा भी आता है।

2. ध्यान से सुनिए

बाइबल कहती है: “ध्यान दो कि तुम कैसे सुनते हो।”—लूका 8:18.

विशेषज्ञों का कहना है कि आम तौर पर एक इंसान किसी भाषण में जो बातें सुनता है, उनमें से सिर्फ 40 प्रतिशत बातें ही उसे दिन के आखिर तक याद रहती हैं; 60 प्रतिशत बातें उसके दिमाग से उड़ जाती हैं। सोचिए, अगर इसी रफ्तार से आपका पैसा गायब होने लगे, तो क्या आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे?

सुझाव: अपने माँ-बाप के साथ हॉल के सामने की सीटों पर बैठिए। इससे आपका ध्यान कम भटकेगा। भाषण के दौरान मुख्य मुद्दों को लिखते जाइए। यह सच है कि बातों को याद रखने का हर किसी का तरीका अलग होता है, लेकिन नोट्‌स लेने से आप भाषण देनेवाले पर ध्यान लगाए रख पाएँगे और सभा में बतायी बातों को बाद में दोहरा भी पाएँगे।

“सभाओं में बतायी जा रही बातों पर पहले मेरा ध्यान नहीं लगता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं खुद को यह याद दिलाती हूँ कि मैं सभा में क्यों आयी हूँ। सभाओं में जाना चर्च जाने की तरह कोई रस्म नहीं है। मैं वहाँ परमेश्‍वर की उपासना करने और कुछ सीखने के लिए जाती हूँ; कुछ ऐसा जिसे मैं अपनी ज़िंदगी में लागू कर सकूँ।”—कैथलीन।

सौ बात की एक बात: सभाओं में जाना और ध्यान न देना, ऐसा है मानो किसी दावत में जाना और बिना खाए लौट आना।

3. हिस्सा लीजिए

बाइबल कहती है: “लोहे पर धार लोहे से ही होती है; ऐसे ही मनुष्य मनुष्य को सुधारता है।”—नीतिवचन 27:17, हिंदी—कॉमन लैंग्वेज।

मंडली में आप जवानों की एक अहम भूमिका है। सभाओं में हाज़िर होकर, जवाब देकर और भाई-बहनों से बात करके आप दूसरों पर जो अच्छा असर छोड़ सकते हैं, उसे कभी कम मत आँकिए।

सुझाव: सवाल-जवाब वाले भागों में कम-से-कम एक जवाब देने का लक्ष्य रखिए। हॉल की साफ-सफाई करने में, साथ ही सभा से पहले, उसके दौरान या बाद में जो दूसरे काम होते हैं, उनमें हाथ बँटाइए। किसी ऐसे भाई-बहन से बात करने की कोशिश कीजिए जिससे आपकी ज़्यादा बातचीत नहीं हुई है।

“मैं पंद्रह-सोलह साल की उम्र से सभाओं में माइक सँभालने और स्टेज तैयार करने में हाथ बँटाने लगा। इन ज़िम्मेदारियों ने मुझे एहसास दिलाया कि भाइयों को मेरी ज़रूरत है, इसलिए मैं सभी सभाओं में हाज़िर होने और वक्‍त पर पहुँचने की पूरी कोशिश करता था। इससे बाइबल की शिक्षाओं और परमेश्‍वर की उपासना में मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी।”—माइल्ज़।

सौ बात की एक बात: बैठे मत रहिए—कुछ कीजिए! दर्शक बनकर बैठे रहने के बजाय किसी काम में शामिल होने से हमेशा ज़्यादा फायदा होता है। (g12-E 04)

“नौजवान पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं

[पेज 27 पर बक्स/तसवीरें]

आपका स्वागत है!

क्या आप

● परमेश्‍वर के बारे में सच्चाई सीखना चाहेंगे?

● एक बेहतर इंसान बनना चाहेंगे?

● सबसे अच्छे दोस्त पाना चाहेंगे?

अगर हाँ, तो यहोवा के साक्षियों की सभाओं में आइए। वहाँ आने से आपको और भी फायदे होंगे। यहोवा के साक्षी, हफ्ते में दो बार अपने राज-घरों में उपासना के लिए इकट्ठा होते हैं। वहाँ कोई चंदा नहीं लिया जाता और जो चाहे आ सकता है।

इस मौके को हाथ से जाने मत दीजिए। यहोवा के साक्षियों का राज-घर किसी चर्च की तरह नहीं होता। वहाँ जो भी बताया जाता है वह बाइबल से होता है। आप सीखेंगे कि बाइबल की मदद से आप कैसे एक बेहतरीन ज़िंदगी जी सकते हैं।—व्यवस्थाविवरण 31:12; यशायाह 48:17.

साईजब मैं पहली बार राज-घर गया, तो मुझे यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि वहाँ एक भी मूर्ति नहीं है। वहाँ कोई पादरी भी नहीं था। इतना ही नहीं, किसी ने मुझसे चंदा भी नहीं माँगा। सभी ने मेरा स्वागत किया और मुझे लगा कि मैं सही लोगों के बीच हूँ। सभाओं में जो बताया गया उसमें तुक था और मुझे उसे समझने में बिलकुल मुश्‍किल नहीं हुई। मुझे इसी सच्चाई की तलाश थी!

डेयानीरजब मैं पहली बार यहोवा के साक्षियों की सभाओं में गयी, तब मैं 14 साल की थी। सभी ने बड़े प्यार से मेरा स्वागत किया। मैंने देखा कि मेरे आने से वे सभी बहुत खुश हैं। उन्होंने मेरा हाल-चाल पूछा और सच्चे दोस्तों की तरह मुझसे बात की। पहली बार जाने पर ही मुझे इतना अच्छा लगा कि दोबारा जाने में मुझे कोई हिचक नहीं हुई।

[पेज 28 पर बक्स/तसवीरें]

पता लगाइए कि मंडली की अगली सभा में किन बातों पर चर्चा की जाएगी। कोई ऐसा भाग चुनिए जो आपको दिलचस्प लग रहा है और . . .

काटिए और इसकी कॉपियाँ बनाइए

सभा में हाज़िर होने से भाग खत्म होने के बाद

पहले नीचे दिए बक्स भरिए। नीचे दिए बक्स भरिए।

सभा के भाग का नाम: मैंने क्या सीखा:

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मैं इस विषय के बारे मुझे भाषण में ऐसा क्या अच्छा लगा,

में क्या जानना चाहूँगा: जो मैं भाषण देनेवाले भाई को

बता सकता हूँ:

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