बुद्धि का कमाल तन-मन रहे खुशहाल
बुद्धि का कमाल तन-मन रहे खुशहाल
“शान्त मन, तन का जीवन है।”—नीतिवचन 14:30.
“मन का आनन्द अच्छी औषधि है।”—नीतिवचन 17:22.
● बाइबल की ये बातें सुनने में सीधी और सरल लगती हैं, मगर हैं बहुत गहरी। इन्हें आज से करीब तीन हज़ार साल पहले इसराएल के राजा सुलैमान ने लिखा था। लेकिन उसकी कही बातों में कितनी सच्चाई है? आज के ज़माने का चिकित्सा विज्ञान क्या कहता है?
शांत मन और बात-बात पर गुस्सा करनेवाले मन में क्या फर्क है, इस बारे में जर्नल ऑफ दी अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी पत्रिका बताती है: “हाल की खोजों से पता चला है कि गुस्सा और नफरत पालने से एक इंसान को दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है।” इसलिए यह पत्रिका कहती है: “दिल की बीमारी से बचने या उसका इलाज करने के लिए . . . सिर्फ कसरत और दवाइयों से काम नहीं चलेगा, बल्कि गुस्से और नफरत जैसी भावनाओं पर भी काबू पाना होगा।” दूसरे शब्दों में कहें तो शांत मन से सेहत चुस्त-दुरुस्त रहती है, ठीक जैसा बाइबल बताती है।
आनंदित मन से भी इसी तरह के अच्छे नतीजे मिलते हैं। स्कॉटलैंड के एक स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. डेरेक कॉक्स ने बी.बी.सी. समाचार रिपोर्ट में बताया: “अगर आप खुश रहते हैं, तो आपको उन लोगों के मुकाबले कम बीमारियाँ होंगी जो खुश नहीं रहते।” उसी रिपोर्ट में आगे कहा गया था: “खुशमिज़ाज लोगों को एक और फायदा होता है, उन्हें दिल की बीमारी या दिल का दौरा पड़ने का कम खतरा होता है।”
सुलैमान और बाइबल के दूसरे लेखकों ने कैसे हज़ारों साल पहले इस तरह की बुद्धि-भरी बातें लिखीं, जबकि इनकी सच्चाई इंसानों को आज जाकर पता चली है? जवाब सीधा-सा है। “परमेश्वर ने सुलैमान को बुद्धि दी, और उसकी समझ बहुत ही बढ़ाई।” (1 राजा 4:29) इतना ही नहीं ये बुद्धि-भरी बातें समझने में आसान हैं ताकि सभी लोग इनसे फायदा पा सकें। और इन बातों को जानने के लिए आपको कुछ खर्च करने की भी ज़रूरत नहीं।
तो क्यों न आप हर दिन बाइबल पढ़ने की आदत डालें? लाखों लोगों ने ऐसा करके खुशी पायी है और इस बात को सच होते देखा है: “बुद्धि तो तेरे हृदय में प्रवेश करेगी, और ज्ञान तुझे मनभाऊ लगेगा; विवेक तुझे सुरक्षित रखेगा; और समझ तेरी रक्षक होगी।” (नीतिवचन 2:10, 11) सचमुच, बाइबल में दर्ज़ बुद्धि-भरी बातों से कितना फायदा होता है! (g11-E 08)