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स्कूल में होनेवाले तनाव का सामना कैसे करूँ?

स्कूल में होनेवाले तनाव का सामना कैसे करूँ?

युवा लोग पूछते हैं

स्कूल में होनेवाले तनाव का सामना कैसे करूँ?

“बड़े होने पर स्कूल में तनाव कम नहीं हो जाते, बस उनके कारण बदल जाते हैं।”— जेम्स, न्यू ज़ीलैंड। *

“स्कूल में मुझे इतना तनाव महसूस होता था कि अकसर मुझे रोना आता था और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने का मन करता था।”—शरॉन, अमरीका।

क्या आपको लगता है कि आपके माता-पिता यह बिलकुल नहीं समझते कि आपको स्कूल में कितने तनाव का सामना करना पड़ता है? शायद वे कहें कि आपको न तो बैंक का कर्ज़ चुकाना है, न परिवार का पेट पालना है और ना ही अपने बॉस की जी-हुज़ूरी करनी है। मगर आपको लगता है कि स्कूल में आपको भी उतने ही तनाव का सामना करना पड़ता है, जितना कि आपके माता-पिता को, कभी-कभी तो उनसे भी ज़्यादा।

स्कूल आना-जाना ही आपके लिए तनाव भरा हो सकता है। अमरीका में रहनेवाली तारा कहती है, “स्कूल-बस में लड़ाई-झगड़े होना तो आम बात है। और जब ऐसा होता है तो ड्राइवर वहीं बस रोककर सबको नीचे उतार देता है। इस वजह से हमें एकाध घंटे की देरी हो जाती है।”

क्या स्कूल पहुँचने पर तनाव से छुटकारा मिल जाता है? छुटकारा, बिलकुल नहीं! शायद आप भी वैसा ही महसूस करते हों जैसा नीचे बताए लोगों ने किया।

टीचरों की ओर से दबाव।

“मेरे टीचर चाहते हैं कि मैं अच्छी पढ़ाई करूँ और सबसे ज़्यादा नंबर लाऊँ। इसलिए मुझ पर उन्हें खुश करने का दबाव रहता है।”—सैंड्रा, फिजी।

“अगर बच्चा पढ़ने में थोड़ा भी तेज़ है तब तो पूछो ही मत। टीचर उसके सिर पर सवार हो जाते हैं कि उसे हर हाल में अव्वल आना ही है।”—एप्रिल, अमरीका।

“भले ही हमने अपनी ज़िंदगी में कुछ अच्छे लक्ष्य रखे हों, लेकिन अगर हम ऊँची शिक्षा का लक्ष्य नहीं रखते, जैसा कि कुछ टीचर चाहते हैं, तो वे हमें बिलकुल गया-गुज़रा समझते हैं।”—नेओमी, अमरीका।

आपके टीचर आप पर कितना दबाव डालते हैं?

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दोस्तों की ओर से दबाव।

“बड़े क्लास में पहुँचने पर बच्चों को ज़्यादा आज़ादी मिलती है और वे किसी की नहीं सुनते। और अगर हम अपने क्लास के बच्चों का साथ न दें तो वे हमें एकदम लल्लू समझते हैं।”—केविन, अमरीका।

“लगभग रोज़ ही मुझ पर शराब पीने और शारीरिक संबंध रखने का दबाव डाला जाता है। सच कहूँ तो ना कहना कभी-कभी मुझे बहुत मुश्‍किल लगता है।”—एरन, न्यूज़ीलेंड।

“अब जब मैं बारह साल की हो गयी हूँ, तो मुझ पर डेट पर जाने का बहुत दबाव आता है। स्कूल में हर कोई मुझसे कहता है, ‘आखिर तुम कब डेट पर जाओगी?’”—अलिग्ज़ेंड्रिया, अमरीका।

“मुझसे एक लड़के के साथ डेट पर जाने के लिए ज़ोर-ज़बरदस्ती की गयी। जब मैंने मना किया, तो सब मुझे समलैंगिक कहने लगे। यह तब की बात है जब मैं सिर्फ दस साल की थी।”—क्रिस्टा, ऑस्ट्रेलिया।

आपके दोस्त आप पर कितना दबाव डालते हैं?

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◼ इस बात को लेकर तनाव कि आपके धार्मिक विश्‍वासों को लेकर साथ पढ़नेवाले न जाने कैसा रवैया दिखाएँ।

“साथ पढ़नेवालों को अपने धर्म के बारे में बताना बड़ा मुश्‍किल होता है। हमें इस बात की चिंता रहती है कि न जाने बाद में वे हमारे बारे में क्या सोचेंगे। हमें लगता है कि कहीं वे हमें अजीबो-गरीब इंसान समझकर अलग न कर दें।”—कैरल, हवाई।

“स्कूल में पाँचवीं क्लास के बाद से ही बच्चे ड्रग्स लेना, शराब पीना और शारीरिक संबंध रखना शुरू कर देते हैं। मगर बाइबल के सिद्धांतों के मुताबिक जीने की वजह से इन सब में हम उनका साथ नहीं देते। ऐसे हालात से गुज़रना बहुत तनाव भरा होता है, क्योंकि हम नहीं चाहते कि दोस्तों में हमारा मज़ाक उड़ाया जाए।”—सूज़न, अमरीका।

अपने धार्मिक विश्‍वासों को लेकर आप कितने दबाव में रहते हैं?

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◼ तनाव के दूसरे कारण। उस कारण पर निशान लगाइए या खाली जगह में वह कारण लिखिए जिसकी वजह से आप सबसे ज़्यादा तनाव महसूस करते हैं।

❑ स्कूल की परीक्षाएँ

❑ होमवर्क

❑ माता-पिताओं की आपसे ऊँची-ऊँची उम्मीदें

❑ खुद की उम्मीदों पर खरा उतरने की जद्दोजेहद

❑ अश्‍लील छेड़छाड़ या दूसरों की धौंस

❑ और कारण

तनाव कम करने के पाँच कदम

आप मानें या न मानें लेकिन स्कूल में आपको किसी-न-किसी तरह के तनाव से गुज़रना ही पड़ेगा, इससे आप बच नहीं सकते। लेकिन हाँ, बहुत ज़्यादा तनाव या दबाव की वजह से एक इंसान पूरी तरह टूट सकता है। बुद्धिमान राजा सुलैमान ने लिखा: “बुद्धिमान मनुष्य को अत्याचार पागल बना देता है।” (सभोपदेशक 7:7, NHT) इसलिए दबाव को अपने ऊपर इस कदर हावी होने मत दीजिए कि वह आपको पागलपन की हद तक पहुँचा दे। इसके बजाय यह जानने की कोशिश कीजिए कि आप कैसे असरदार तरीके से तनाव से निपट सकते हैं।

तनाव का सामना करना वज़न उठाने जैसा है। अगर एक इंसान कामयाब वेट-लिफ्टर बनना चाहता है, तो उसे अच्छी तैयारी करनी पड़ती है। वह भार को बिलकुल सही तरीके से उठाता है और हद-से-ज़्यादा भार नहीं उठाता। अगर वह इन बातों का ध्यान रखे तो शरीर को नुकसान पहुँचाए बिना अपनी माँस-पेशियों को मज़बूत बना सकेगा। लेकिन अगर वह इन बातों को नज़रअंदाज़ करे, तो उसकी किसी माँस-पेशी को चोट पहुँच सकती है, यहाँ तक कि उसकी हड्डी भी टूट सकती है।

एक कामयाब वेट-लिफ्टर की तरह आप भी बिना खुद को नुकसान पहुँचाए आनेवाले तनावों का अच्छी तरह सामना कर सकते हैं, ताकि आपके बाकी कामों पर इसका कोई असर न पड़े। कैसे? नीचे दी बातों पर अमल कीजिए:

1. तनाव की असल वजह पहचानिए। एक कहावत है कि “चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देखकर छिप जाता है।” (नीतिवचन 22:3) आप तनाव से तब तक छुटकारा नहीं पा सकते, जब तक कि आप उसकी असल वजह न ढूँढ़ लें। इसलिए आपने तनाव को लेकर जो बातें लिखी हैं, उन पर ज़रा गौर कीजिए। किस वजह से आपको सबसे ज़्यादा तनाव होता है?

2. खोजबीन कीजिए। मसलन अगर आप ढेर सारे होमवर्क की वजह से भारी तनाव में हैं तो सजग होइए! अप्रैल-जून 2004 के लेख, “युवा लोग पूछते हैं—होमवर्क करने के लिए मैं वक्‍त कैसे निकालूँ?” में खोजबीन करके आप कुछ मदद पा सकते हैं। अगर आप पर साथ पढ़नेवाले किसी लड़के या लड़की के साथ अनैतिक काम करने का दबाव आता है, तो आपको सजग होइए! अप्रैल-जून 2007 के लेख, “युवा लोग पूछते हैं—अगर कोई मुझे ‘हुक अप’ के लिए बुलाए, तो मैं क्या करूँ?” में काफी मददगार सलाह मिल सकती है।

3. जवाब देने की तैयारी कीजिए। अगर आपको इस बात का तनाव रहता है कि आपके साथ पढ़नेवाले आपके धार्मिक विश्‍वासों के बारे में जानकर न जाने कैसा रवैया दिखाएँ, तो ऐसे हालात के उठने तक इंतज़ार मत कीजिए। पहले से तैयारी कीजिए कि अगर कोई आपसे आपके धार्मिक विश्‍वासों के बारे में पूछे, तो आप उसे कैसे जवाब देंगे। (नीतिवचन 29:25) अठारह साल की केल्सी कहती है, “मैंने ऐसे हालात के उठने से पहले ही उससे निपटने की तैयारी कर ली थी और इससे मुझे बड़ी मदद मिली। मैंने पहले से सोच लिया था कि मैं अपने विश्‍वास के बारे में क्या कहूँगी।” बेलजियम में रहनेवाले 18 साल के आरॉन ने भी ऐसा ही किया। वह कहता है, “मुझसे जो सवाल पूछे जा सकते थे, उनके जवाबों की तैयारी मैंने पहले ही कर रखी थी। अगर मैंने ऐसा न किया होता, तो शायद मैं अपने विश्‍वास के बारे में बताने की हिम्मत न जुटा पाता।”

4. टालिए मत। इस भुलावे में मत रहिए कि परेशानियों पर ध्यान न देने से वे आपो आप गायब हो जाएँगी। अकसर ऐसा करने से परेशानियाँ और भी गंभीर हो जाती हैं और इससे आपका तनाव बढ़ सकता है। मसलन, अगर आप एक यहोवा के साक्षी हैं तो स्कूल में अपनी पहचान बताने में देर मत कीजिए। इससे आप कई खतरों से बच सकेंगे। बीस साल की मार्शे कहती है: “हर साल स्कूल शुरू होने पर मैं खुद ही कुछ ऐसी बात छेड़ देती थी, जिससे मुझे दूसरों को यह बताने का मौका मिल जाता था कि मैं बाइबल के स्तरों को मानती हूँ। मैं इस मामले को जितना टालती थी, यह मेरे लिए उतना ही मुश्‍किल हो जाता था। स्कूल के शुरू होने पर जब मैं सबको बता देती कि मैं एक यहोवा की साक्षी हूँ, तो मेरा पूरा साल बड़ी आसानी-से कट जाता था।”

5. मदद माँगिए। सबसे ताकतवर वेट-लिफ्टर भी अपनी क्षमता से ज़्यादा वज़न नहीं उठा सकता। उसी तरह तनाव को सह पाने की आपकी भी एक क्षमता है। तनाव का सारा बोझ आपको खुद उठाने की ज़रूरत नहीं है। (गलतियों 6:2) क्यों न इस मामले में आप अपने माता-पिता या दूसरे तजुर्बेकार मसीहियों से बात करें? इस लेख में दिए सवालों के जो जवाब आपने लिखे हैं, वह उन्हें दिखाइए। उनसे बात कीजिए कि वे कैसे उनमें से कुछ दबावों का सामना करने में आपकी मदद कर सकते हैं। आयरलैंड की रहनेवाली लिज़ ने अपने पिता को बताया कि उसे इस बात का डर है कि उसके धार्मिक विश्‍वासों की वजह से कहीं स्कूल में उसका मज़ाक ना उड़ाया जाए। लिज़ कहती है, “मेरे पापा हर दिन मुझे स्कूल छोड़ने से पहले मेरे साथ प्रार्थना करते थे। इससे मेरा डर कम हो जाता था।”

क्या तनाव अच्छे हो सकते हैं?

आपको यह मानना शायद मुश्‍किल लगे, लेकिन अगर आप तनाव महसूस करते हैं तो यह दरअसल अच्छी बात है। क्यों? क्योंकि इससे ज़ाहिर होता है कि आप मेहनती हैं और आपका विवेक काम कर रहा है। गौर कीजिए कि बाइबल ऐसे इंसान के बारे में क्या कहती है, जो ज़रा भी तनाव महसूस नहीं करता: “आलसी! तुम कब तक पड़े रहोगे, तुम अपनी नींद से कब जागोगे? थोड़ी देर तक सोना, थोड़ी देर झपकी लेना और हाथ-पर-हाथ रख कर थोड़ी देर आराम करना—ऐसा होने पर गरीबी तुम पर डाकू की तरह टूटेगी, अभाव तुम पर बलशाली की तरह आक्रमण करेगा।”—नीतिवचन 6:9-11, बुल्के बाइबिल।

सोलह साल की हाइडी पते की बात कहती है, “स्कूल शायद बहुत बुरी जगह लगे, लेकिन स्कूल में आप जिन दबावों का सामना करते हैं, उन्हीं दबावों का सामना आपको बड़े होकर नौकरी की जगह पर भी करना पड़ेगा।” माना कि तनाव को झेलना आसान नहीं, लेकिन अगर इसका सामना सही तरीके से किया जाए, तो तनाव आपको नुकसान नहीं पहुँचाएगा। इसके उलट, यह आपको एक मज़बूत इंसान बनाएगा। (g 9/08)

“युवा लोग पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं।

[फुटनोट]

^ कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

इस बारे में सोचिए

◼ किन बातों से पता लग सकता है कि आप तनाव में हैं?

◼ क्यों खुद से और दूसरों से हर काम को एकदम सही तरीके से करने की उम्मीद रखना, तनाव बढ़ा सकता है?

◼ आप किससे बात करके अपने तनाव का बोझ हलका कर सकते हैं?

[पेज 25 पर तसवीर]

तनाव का सामना करना वज़न उठाने जैसा है। अगर इसका सामना सही तरीके से किया जाए तो यह आपको मज़बूत बनाएगा