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अक्टूबर - दिसंबर 2008
बढ़ता तापमान—क्या हमारी धरती खतरे में है? 3-9
आए दिन हमें खबरों में यह सुनने को मिलता है कि हमें बढ़ते तापमान की समस्या को सुलझाने के लिए जल्द-से-जल्द कदम उठाना होगा। वरना, जलवायु में भारी बदलाव हो सकते हैं, जिसके भयानक अंजामों का असर हम पर और हमारे पर्यावरण पर पड़ेगा। क्या इन खबरों को सुनकर हमें परेशान होना चाहिए? ज़रा सबूतों पर गौर कीजिए।
मसीही प्यार, तूफान से ज़्यादा ताकतवर! 18
आइए कुदरती आफतों के शिकार लोगों की नहीं, बल्कि उन राहतकर्मियों की आप-बीती पढ़ें, जिन्होंने मुसीबत के मारों को मदद देने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
स्कूल में होनेवाले तनाव का सामना कैसे करूँ? 24
जानिए कि नौजवान स्कूल में किन तनावों का सामना करते हैं और उनसे निपटने के लिए वे क्या कर सकते हैं।
3 खतरे की घंटी?
4 क्या हमारी धरती खतरे में है?
8 धरती के भविष्य की बागडोर—किसके हाथों में?
10 क्या धरती आनेवाली पीढ़ियों की ज़रूरतें पूरी कर पाएगी?
11 युवा लोग पूछते हैं मैं कैसे खुशी-खुशी परमेश्वर की सेवा कर सकता हूँ?
14 क्या इसे रचा गया था?—आपकी स्वाद की इंद्री
15 एल्बीनिज़्म के साथ जीना
22 बाइबल का दृष्टिकोण—क्या बड़े-बड़े अधिकारियों को आदर देने के लिए उपाधियों का इस्तेमाल करना सही है?
27 सजग होइए! ने दी उम्मीद-से-बढ़कर मदद
28 युवा लोग पूछते हैं—गलत कामों के लिए लुभाए जाने पर मैं उसका विरोध कैसे कर सकता हूँ?
31 खाऊ कोआटी से एक मुलाकात
32 गम से उबरने में सबसे बढ़िया मदद
[पेज 2 पर चित्र-शीर्षक]
ऑस्ट्रेलिया में सूखा
टूवालू में बाढ़
पहला पेज: © Ingrid Visser/SeaPics.com; पेज 2: ऑस्ट्रेलिया: Photo by Jonathan Wood/Getty Images; टूवालू: Gary Braasch/ZUMA Press