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“एक वहशियाना अपराध”

“एक वहशियाना अपराध”

“एक वहशियाना अपराध”

मारीया * 14 साल की उम्र में ही वेश्‍या बन गयी। उसने ऐसी घिनौनी ज़िंदगी अपनी माँ के कहने पर अपनायी थी। उसकी माँ बार-बार कहती थी कि वह बहुत ही सुंदर है और कोई भी आदमी उस पर जान छिड़केगा। इतना ही नहीं, वह ढेर सारा पैसा भी कमा सकती है। हर शाम मारीया की माँ आदमियों से मुलाकात कराने उसे एक होटल ले जाती और पैसा वसूल करने के लिए वहीं आस-पास रहती। इस तरह मारीया हर रात, तीन से चार आदमियों के साथ लैंगिक संबंध रखती थी।

मारीया के घर के पास ही, 13 साल की कारीना रहती थी। उसे भी ज़बरदस्ती वेश्‍यावृत्ति के धंधे में ढकेला गया। उसकी बिरादरी के लोग गन्‍ने के खेत में काम करते थे। इसमें इतनी आमदनी नहीं थी कि घर का खर्च पूरा पड़े इसलिए दूसरे परिवारों की तरह उसके परिवार के लोगों ने भी कारीना का शरीर बेचना शुरू कर दिया। एक दूसरे इलाके में, एस्टेला नाम की लड़की रहती थी। उसने छोटी उम्र में ही पढ़ाई छोड़ दी। उसे पढ़ना-लिखना नहीं आता था, मगर सड़क पर वह वेश्‍या का धंधा करने लगी। डेज़ी सिर्फ 6 बरस की थी जब पहली बार उसके बड़े भाई ने उसके साथ लैंगिक दुर्व्यवहार किया। बाद में उसके रिश्‍तेदारों न जाने कितनी बार उसके साथ ज़बरदस्ती की। वह 14 बरस की उम्र में वेश्‍या बन गयी।

दुनिया के कई हिस्सों में यह एक खौफनाक सच्चाई है कि बच्चों से वेश्‍या का धंधा करवाया जा रहा है। इसके अंजाम दिल दहला देनेवाले हैं। ऐसी बच्चियाँ, जो शायद कभी-कभी वेश्‍यावृत्ति करती हों या फिर जिनका यह धंधा बन चुका है, अकसर अपराधों या नशीले पदार्थों के सेवन में भी लग जाती हैं। * उनमें से कई निराशा की शिकार हो जाती हैं और खुद को एकदम नाकारा समझती हैं। उन्हें अपनी इस अँधेरी डरावनी दुनिया से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझता।

नामी-गिरामी लोग बखूबी समझते हैं कि बाल वेश्‍यावृत्ति का अंजाम कितना भयानक होता है। ब्राज़ील के भूतपूर्व राष्ट्रपति फर्नान्डू ऐन्रीक कारडोसू ने बिलकुल सही कहा: “बाल वेश्‍यावृत्ति एक वहशियाना अपराध है।” ब्राज़ील के एक अखबार ने बाल वेश्‍यावृत्ति के बारे में यह कड़वा सच लिखा: “जिन देशों में यह धंधा आम हो गया है, जहाँ इसे बरदाश्‍त और स्वीकार किया जाता है, यहाँ तक कि इस धंधे से होनेवाली अच्छी कमाई के लालच में इसे बढ़ावा भी दिया जाता है, उन देशों में लोग हर रोज़ इसके भयानक अंजाम भुगतते हैं। इस धंधे से हालाँकि एक इंसान, परिवार या समाज, बेशुमार दौलत हासिल करता है, मगर इसके खौफनाक अंजाम के आगे सब बेमाने हो जाते हैं।”

बहुत-से लोग बाल वेश्‍यावृत्ति पर रोक लगाने के नेक इरादे रखते हैं मगर इसके बावजूद यह समस्या बढ़ती जा रही है। आखिर किस वजह से लोग ऐसा भयानक रास्ता इख्तियार करते हैं? क्यों लोग इसे बरदाश्‍त करते, यहाँ तक कि ऐसे अपराध को बढ़ावा देते हैं? (g03 2/08)

[फुटनोट]

^ इन शुरूआती लेखों में नाम बदल दिए गए हैं।

^ हालाँकि इन लेखों में लड़कियों के बारे में कहा गया है, मगर यहाँ दी गयी जानकारी लड़कों पर भी लागू होती है।

[पेज 3 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“बाल वेश्‍यावृत्ति एक वहशियाना अपराध है।”—ब्राज़ील के भूतपूर्व राष्ट्रपति फर्नान्डू ऐन्रीक कारडोसू

[पेज 4 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“किसी भी तरह का लैंगिक शोषण, इंसान के आत्म-सम्मान का गला घोंटना है, इसलिए जिसके साथ ऐसा हुआ है, उसकी उम्र चाहे जो हो, वह स्त्री हो या पुरुष, वह चाहे जिस जाति या राष्ट्र का हो, अमीर हो या गरीब, यह उसके मूल अधिकार का उल्लंघन है।”—यूनेस्को सोर्सस्‌