नकलची परिंदों के लुप्त होने का खतरा
नकलची परिंदों के लुप्त होने का खतरा
ब्रिटेन में सजग होइए! लेखक द्वारा
अमरीका में मेरिलैंड यूनिवर्सिटी के डॉ. तीमथी राइट ने कहा कि तोते “उन परिंदों में से हैं, जिनके धरती से गायब होने का सबसे ज़्यादा खतरा है।” दुःख के साथ कहना पड़ता है कि उनके भड़कीले पंखदार शरीर और इंसानों की आवाज़ की नकल करने की अनोखी काबिलीयत ही उनकी जान की दुश्मन बन गयी है।
दिलचस्पी की बात है कि एक पालतू टुइयाँ तोते के बारे में पहला ज़िक्र सा.यु.पू. पाँचवीं सदी के एक यूनानी डॉक्टर के लेख में मिलता है। दरअसल, वह हैरत में पड़ गया था जब उसने इस परिंदे को अपने वतन, भारत की किसी भाषा के अलावा यूनानी भाषा में भी बोलते सुना।
तोते की नकल करने की काबिलीयत ने आज लोगों को इतना मोह लिया है कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग इन्हें पालने लगे हैं, इसके अलावा शिकारी भी गैर-कानूनी तौर पर इनका व्यापार कर रहे हैं। पिछले 20 से भी ज़्यादा सालों का अध्ययन दिखाता है कि 14 देशों में, तोतों के 21 अलग-अलग जातियों के 30 प्रतिशत घोंसले शिकारियों ने नष्ट कर दिए हैं और इनमें 4 जातियों के तो 70 प्रतिशत घोंसले तबाह कर दिए गए हैं। इन परिंदों की प्रजनन दर बहुत धीमी है, वे साल में सिर्फ घोंसला भर अंडा देते हैं। इसके अलावा, इनके आशियाने की ऐसी तबाही ने इनकी कीमत और बढ़ा दी है—तोते जितने कम पाए जाएँगे, उतने ही वे महँगे होंगे।
रिपोर्टों से पता चला है कि इनकी कुछ जातियों की संख्या तो बिलकुल ही कम हो गयी है जिससे इनके लुप्त होने का खतरा और भी गंभीर नज़र आने लगा है। अनुमान है कि ब्राज़ील में लियर के मकॉ की गिनती 200 से भी कम हो गयी है। पोर्टो रिको के तोतों की स्थिति तो और भी बदतर है, वहाँ जंगल में 50 से भी कम तोते रह गए हैं। स्पिक्स मकॉ जिन्हें जंगल का लुप्त पक्षी समझा जाता है, उन्हें आज निगरानी में रखकर उनका प्रजनन करने के ज़रिए बचाया जा रहा है।
लेकिन जब तक ये सुंदर भड़कीले पक्षी मौजूद हैं, वे सिरजनहार के होने का सबूत देते रहेंगे जो बेशक इनकी मनोहर छवि और बेमिसाल काबिलीयत देखकर बेहद खुश होता है। क्या इंसान अपने लालच की वजह से तोतों का वजूद मिटा देंगे? यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल इन नकलची परिंदों के लुप्त होने का खतरा बना हुआ है। (g02 7/22)
[पेज 31 पर तसवीरें]
पोर्टो रिको के तोते
स्पिक्स मकॉ
लियर का मकॉ
[चित्रों का श्रेय]
पोर्टो रिको के तोते: U.S. Geological Survey/Photo by James W. Wiley; लियर का मकॉ: © Kjell B. Sandved/Visuals Unlimited; स्पिक्स मकॉ: Progenies of and courtesy of Birds International, Inc.