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भेदभाव पूरी तरह मिटा दिया जाएगा!

भेदभाव पूरी तरह मिटा दिया जाएगा!

लाखों लोग पवित्र शास्त्र की सलाह मानकर काफी हद तक अपने दिल से भेदभाव निकाल पाए हैं। लेकिन सच तो यह है कि भेदभाव को पूरी तरह मिटाना हमारे बस की बात नहीं। तो फिर क्या भेदभाव हमेशा रहेगा?

एक आदर्श सरकार

सरकारों ने लाख कोशिशें की हैं, फिर भी वे लोगों के दिलों से भेदभाव नहीं निकाल पायी हैं। तो क्या उम्मीद की कोई किरण नहीं?

भेदभाव को पूरी तरह मिटाने के लिए एक सरकार को

  1. 1. लोगों की सोच बदलनी होगी।

  2. 2. लोगों के मन से भेदभाव की कड़वी यादें मिटानी होंगी।

  3. 3. ऐसे नेता चुनने होंगे जो खुद भेदभाव न करें और सभी नागरिकों को बराबर दर्जा दें।

  4. 4. सभी समाज के लोगों को एकता के बंधन में बाँधना होगा।

पवित्र शास्त्र बाइबल में एक ऐसी ही सरकार के बारे में बताया गया है। इसे ‘परमेश्‍वर का राज’ कहा गया है।​—लूका 4:43.

आइए देखें कि यह सरकार क्या-क्या करेगी

1. अच्छी शिक्षा देगी

‘लोग सीखेंगे कि नेकी क्या होती है।’​—यशायाह 26:9.

“सच्ची नेकी की बदौलत हर तरफ शांति होगी, सच्ची नेकी से सुकून और हिफाज़त मिलेगी जो कभी नहीं मिटेगी।”​—यशायाह 32:17.

मतलब: लोगों को सिखाया जाएगा कि क्या सही है और क्या गलत। एक बार लोग यह समझ जाएँ, तो वे सभी से अच्छा व्यवहार करेंगे और एक-दूसरे से प्यार करेंगे।

2. दुख-दर्द मिटाएगी

‘परमेश्‍वर लोगों की आँखों से हर आँसू पोंछ देगा और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।’​—प्रकाशितवाक्य 21:4.

मतलब: लोगों के साथ फिर कभी ज़्यादती नहीं की जाएगी और उनके दिल पर लगे गहरे घाव भी भर जाएँगे। उनके साथ जो अन्याय हुआ था, उसकी यादें उन्हें फिर कभी नहीं सताएँगी और कोई किसी से नफरत नहीं करेगा।

3. सच्चा न्याय करेगी

“वह मुँह देखा न्याय नहीं करेगा और न सुनी-सुनायी बातों के आधार पर डाँट लगाएगा। वह सच्चाई से गरीबों का न्याय करेगा, सीधाई से डाँट लगाएगा कि पृथ्वी के दीन लोगों का भला हो।”​—यशायाह 11:3, 4.

मतलब: परमेश्‍वर के राज का राजा यीशु मसीह है। वह बिना किसी पक्षपात के धरती पर राज करेगा। यीशु की नज़र में सब देश एक-बराबर हैं। वह इस बात का ध्यान रखेगा कि पूरी दुनिया में लोग परमेश्‍वर के कायदे-कानून मानें।

4. एकता लाएगी

परमेश्‍वर का राज लोगों को सिखाता है कि वे ‘एक जैसी सोच रखें और उनमें एक-सा प्यार हो, उनमें पूरी एकता हो और उनके विचार एक जैसे हों।’​—फिलिप्पियों 2:2.

मतलब: लोग एकता का दिखावा नहीं करेंगे, बल्कि उनके बीच सच्ची एकता होगी, क्योंकि वे एक-दूसरे से सच में प्यार करेंगे।