इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

पहले पेज का विषय | बाइबल पढ़ना फायदेमंद और मज़ेदार कैसे बनाएँ?

बाइबल पढ़ने से ज़िंदगी कैसे सँवर जाती है?

बाइबल पढ़ने से ज़िंदगी कैसे सँवर जाती है?

बाइबल बाकी किताबों की तरह नहीं है। इसमें दी सलाह परमेश्वर की तरफ से है। (2 तीमुथियुस 3:16) इसमें दी बातों का हम पर गहरा असर हो सकता है। बाइबल में लिखा है, “परमेश्वर का वचन जीवित है और ज़बरदस्त ताकत रखता है।” (इब्रानियों 4:12) इसमें हमारी ज़िंदगी सँवारने की ताकत है। कैसे? एक तो इससे हमें रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए अच्छी सलाह मिलती है और दूसरा, इससे हम परमेश्वर और उसके वादों के बारे में जान पाते हैं।—1 तीमुथियुस 4:8; याकूब 4:8.

अपनी ज़िंदगी सँवारें। बाइबल की सलाह से हमें अपने निजी मामलों में भी बहुत मदद मिलती है। जैसे कुछ बातें आगे बतायी गयी हैं।

एशिया में रहनेवाले एक पति-पत्नी, विसेंट और आनलू, को बाइबल में दी सलाह से बहुत फायदा हुआ। जब उनकी नयी-नयी शादी हुई थी, उस वक्‍त उन्हें भी कुछ परेशानियाँ हुईं जैसे नए शादीशुदा लोगों को होती हैं। दोनों का स्वभाव थोड़ा अलग था और वे खुलकर बातचीत भी नहीं कर पाते थे। फिर उन्होंने बाइबल में दी सलाह पर चलना शुरू किया। विसेंट कहता है, “मैंने बाइबल से जो पढ़ा, उससे मैं अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में हो रही मुश्किलों का सामना कर पाया। बाइबल की सलाह पर चलने से हम दोनों की ज़िंदगी खुशहाल हो गयी है।” उसकी पत्नी आनलू भी उसकी बात से सहमत है। वह कहती है, “बाइबल में कुछ लोगों के उदाहरण से हमें बहुत मदद मिली है। अब मैं अपनी शादीशुदा ज़िंदगी से बहुत खुश और संतुष्ट हूँ और मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि हम दोनों के लक्ष्य भी एक हैं।”

परमेश्वर को जानें। बाइबल पढ़ने से न सिर्फ विसेंट की शादीशुदा ज़िंदगी खुशहाल हुई, बल्कि जैसे वह बताता है, “बाइबल पढ़ने से मैं यहोवा परमेश्वर के और भी करीब आ पाया।” (बाइबल के मुताबिक यहोवा, परमेश्वर का नाम है।) विसेंट ने बहुत ही अहम बात कही, वह यह कि बाइबल हमें परमेश्वर से जान-पहचान करने में मदद करती है। परमेश्वर ने बाइबल में हमारे लिए बहुत-सी बातें लिखवायी हैं जिन पर चलने से हमें फायदा होता है और हम परमेश्वर के दोस्त भी बन पाते हैं। उसने हमें एक ऐसे समय के बारे में भी बताया है जब हम “असली ज़िंदगी” का मज़ा ले पाएँगे, हमेशा-हमेशा के लिए। (1 तीमुथियुस 6:19) यह एक ऐसी आशा है, जो और किसी किताब में नहीं दी गयी है।

अगर आप बाइबल पढ़ने का मन बना लें, तो आपकी ज़िंदगी सँवर सकती है और आप परमेश्वर को जान सकते हैं। लेकिन बाइबल पढ़ते वक्‍त शायद आपके मन में कई सवाल आएँ। आज से करीब 2000 साल पहले इथियोपिया के एक अधिकारी के मन में भी बाइबल पढ़कर बहुत-से सवाल उठे थे। उस वक्‍त फिलिप्पुस नाम का यीशु का एक शिष्य था, जिसे बाइबल की अच्छी समझ थी। फिलिप्पुस ने उससे पूछा कि जो वह पढ़ रहा है वह समझ रहा है या नहीं। उस अधिकारी ने कहा, “जब तक कोई मुझे न समझाए, मैं भला कैसे समझ सकता हूँ?” * फिर उसने फिलिप्पुस से शास्त्र के बारे में सीखा। (प्रेषितों 8:30, 31, 34) अगर आप भी उस अधिकारी की तरह बाइबल के बारे में और जानना चाहते हैं, तो आप इंटरनेट पर www.isa4310.com से गुज़ारिश कर सकते हैं या इस पत्रिका में दिए किसी नज़दीकी पते पर लिख सकते हैं। आप अपने इलाके में रहनेवाले यहोवा के साक्षियों से भी संपर्क कर सकते हैं या उनकी सभाओं में जा सकते हैं। क्यों न आप आज ही एक बाइबल लें और इसे अपनी ज़िंदगी सँवारने दें?

क्या आप बाइबल पर भरोसा कर सकते हैं? जवाब जानने के लिए हम क्यों यकीन कर सकते हैं कि बाइबल परमेश्वर की तरफ से है? नाम का वीडियो देखें। इसे jw.org पर प्रकाशन > वीडियो > बाइबल भाग में देखें

^ पैरा. 8 बाइबल से और भी व्यावहारिक सलाह पाने के लिए jw.org वेबसाइट देखिए। इसमें आप शास्त्र से जानिए > पवित्र शास्त्र से जुड़े सवालों के जवाब में देख सकते हैं।

^ पैरा. 11 इस अंक में दिया लेख “कहीं आप गलत तो नहीं समझ रहे?” भी देखिए।