प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण नवंबर 2016
इस अंक में 26 दिसंबर, 2016 से 29 जनवरी, 2017 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।
ऐसा शब्द जो दिल छू जाए!
यीशु ने ऐसा कौन-सा शब्द इस्तेमाल किया जिसमें आदर की भावना के साथ और भी कई भावनाएँ शामिल थीं?
हर दिन एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते रहो
हौसला बढ़ाना क्यों ज़रूरी है? यहोवा, यीशु और पौलुस ने जिस तरह दूसरों का हौसला बढ़ाया, उससे आप क्या सीख सकते हैं? और आप किस तरह दूसरों का हौसला बढ़ा सकते हैं?
परमेश्वर की किताब में दिए निर्देश के मुताबिक संगठित
सब चीज़ों को संगठित करने और कायदे से चलाने में यहोवा जैसा कोई नहीं। तो क्या हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि उसके सेवक भी अच्छी तरह संगठित होंगे?
क्या आप यहोवा की किताब की दिल से कदर करते हैं?
जब परमेश्वर के लोग उसके वचन में दी सलाह को मानते हैं और उसके संगठन का वफादारी से साथ देते हैं, तो उन्हें इसके बढ़िया नतीजे मिलते हैं।
‘यह काम बहुत बड़ा है’
इस काम में सहयोग देने का आपको सम्मान मिला है।
अंधकार से रौशनी में बुलाया गया
प्रेषितों की मौत के बाद परमेश्वर के लोग किस मायने में अंधकार में चले गए? उन्हें कब और कैसे समझ की रौशनी मिलने लगी?
वे झूठे धर्म से निकल आए!
परमेश्वर के लोग कब बैबिलोन की कैद से पूरी तरह आज़ाद हुए?
“ब्रिटेन के राज प्रचारको, जागो!”
ब्रिटेन में दस सालों तक राज प्रचारकों की गिनती में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई थी! फिर ऐसा क्या हुआ कि हालात बदल गए?