यहोवा
उसका नाम
परमेश्वर के नाम का मतलब है, “वह बनने का कारण होता है”
यहोवा अपने सेवकों की खातिर क्या बन जाता है या क्या करता है?
भज 19:14; 68:5; यश 33:22; 40:11; 2कुर 1:3, 4
ये भी देखें: भज 118:14; यश 30:20; यिर्म 3:14; जक 2:5
यहोवा के नाम का पवित्र किया जाना क्यों सबसे ज़रूरी है?
सबको क्यों यहोवा की आज्ञा माननी चाहिए?
यहोवा की कुछ उपाधियाँ
चट्टान—व्यव 32:4; यश 26:4
परम-प्रधान—उत 14:18-22; भज 7:17
पिता—मत 6:9; यूह 5:21
महान उपदेशक—यश 30:20
महामहिम—इब्र 1:3; 8:1
युग-युग का राजा—1ती 1:17; प्रक 15:3
सर्वशक्तिमान—उत 17:1; प्रक 19:6
सारे जहान का मालिक—यश 25:8; आम 3:7
सेनाओं का परमेश्वर यहोवा—1शम 1:11
यहोवा के कुछ खास गुण
यहोवा ने कैसे इस बात पर ज़ोर दिया कि वह पवित्र है? यह जानकर हमें क्या करना चाहिए?
निर्ग 28:36; लैव 19:2; 2कुर 7:1; 1पत 1:13-16
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इससे जुड़े किस्से:
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यश 6:1-8—जब भविष्यवक्ता यशायाह ने एक दर्शन में यहोवा को देखा, तो उसने पापी होने की वजह से खुद को नाकाबिल समझा। मगर एक स्वर्गदूत ने उसे बताया कि वह यहोवा की तरह शुद्ध हो सकता है
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रोम 6:12-23; 12:1, 2—पौलुस ने समझाया कि हम कैसे पाप करने की अपनी फितरत से लड़ सकते हैं और ‘पवित्र’ बन सकते हैं
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यहोवा कितना शक्तिशाली है? वह जिन तरीकों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करता है, उनमें से कुछ क्या हैं?
निर्ग 15:3-6; 2इत 16:9; यश 40:22, 25, 26, 28-31
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इससे जुड़े किस्से:
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व्यव 8:12-18—मूसा ने इसराएलियों से कहा कि वे हमेशा याद रखें कि उनके पास जो भी अच्छी-अच्छी चीज़ें हैं, वे सब यहोवा ने उन्हें अपनी शक्ति से दी हैं
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1रा 19:9-14—यहोवा ने अपने भविष्यवक्ता एलियाह की हिम्मत बँधाने के लिए उसे अपनी ज़बरदस्त शक्ति दिखायी
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हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा सच्चा न्याय करता है?
व्य 32:4; अय 34:10; 37:23; भज 37:28; यश 33:22
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इससे जुड़े किस्से:
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व्य 24:16-22—मूसा के कानून में दिए नियमों से पता चलता है कि यहोवा हमेशा न्याय करता है और उसके न्याय में प्यार और दया भी झलकती है
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2इत 19:4-7—राजा यहोशापात ने न्यायियों से कहा कि वे याद रखें कि वे इंसान की तरफ से नहीं, यहोवा की तरफ से न्याय करते हैं
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कैसे पता चलता है कि यहोवा ही सबसे बुद्धिमान है?
भज 104:24; नीत 2:1-8; यिर्म 10:12; रोम 11:33; 16:27
ये भी देखे: भज 139:14; यिर्म 17:10
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इससे जुड़े किस्से:
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1रा 4:29-34—यहोवा ने राजा सुलैमान को इतनी बुद्धि दी कि उस वक्त उसके जैसा बुद्धिमान और कोई ना था
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लूक 11:31; यूह 7:14-18—यीशु सुलैमान से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान था, फिर भी वह नम्र रहा और यह कभी नहीं भुला कि उसे बुद्धि देनेवाला यहोवा है
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यहोवा ने कैसे दिखाया कि प्यार ही उसका सबसे खास गुण है?
यूह 3:16; रोम 8:32; 1यूह 4:8-10, 19
ये भी देखें: सप 3:17; यूह 3:35
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मत 10:29-31—यीशु ने चिड़िया की मिसाल देकर समझाया कि यहोवा अपने हर सेवक से प्यार करता है और उसे अनमोल समझता है
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मर 1:9-11—यहोवा ने अपने बेटे यीशु से कहा कि वह उससे प्यार करता है और उसे उस पर नाज़ है। उसी तरह, माता-पिताओं को अपने हर बच्चे से कहना चाहिए कि वे उससे प्यार करते हैं और उसे शाबाशी भी देनी चाहिए
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यहोवा से प्यार करने की और क्या वजह है? यहोवा में बहुत-सी खूबियाँ हैं जिनमें से कुछ हैं:
आनंदित, खुश—1ती 1:11
करुणा करनेवाला—यश 49:15; 63:9; जक 2:8
गौरवशाली, महान—भज 8:1; 148:13; प्रक 4:1-6
दयालु—निर्ग 34:6
दरियादिल—भज 104:13-15; 145:16
नम्र—भज 18:35
नेक—भज 7:9
भलाई करनेवाला—लूक 6:35; रोम 2:4
युगों-युगों का परमेश्वर, उसकी ना शुरूआत है, ना अंत—भज 90:2; 93:2
वफादार—प्रक 15:4
मला 3:6; याकू 1:17
वह कभी नहीं बदलता, भरोसेमंद—वह सबकुछ देखता और जानता है—2इत 16:9; नीत 15:3
शांति का परमेश्वर—फिल 4:9
सब्र—यश 30:18; 2पत 3:9
यहोवा को अच्छी तरह जानने से हम क्या कर पाएँगे?
यहोवा की सेवा करना
हम कैसे जानते हैं कि यहोवा हमसे हद-से-ज़्यादा की उम्मीद नहीं करता?
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इससे जुड़े किस्से:
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व्यव 30:11-14—मूसा के ज़रिए जो कानून दिया गया था, उसे मानना इसराएलियों के लिए ज़्यादा मुश्किल नहीं था
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मत 11:28-30—यीशु ने अपने चेलों को यकीन दिलाया कि वह एक अच्छा मालिक है। और यीशु हू-ब-हू अपने पिता की तरह था
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यहोवा क्यों महिमा पाने का हकदार है?
ये भी देखें: यिर्म 20:9; लूक 6:45; प्रेष 4:19, 20
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भज 104:1, 2, 10-20, 33, 34—यहोवा ने जो-जो चीज़ें बनायीं उनके लिए एक भजन के लिखनेवाले ने उसकी तारीफ की
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भज 148:1-14—सारी सृष्टि से यहोवा की तारीफ होती है, यहाँ तक कि स्वर्गदूत भी उसकी तारीफ करते हैं। इसलिए हमें भी उसकी तारीफ करनी चाहिए
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हमारे व्यवहार और कामों से कैसे यहोवा की महिमा होती है?
हमें क्यों यहोवा के करीब आना चाहिए?
यहोवा के करीब आने के लिए नम्र रहना क्यों ज़रूरी है?
यहोवा के करीब आने के लिए बाइबल पढ़ना और मनन करना क्यों ज़रूरी है?
यहोवा के बारे में हम जो सीखते हैं, उसे लागू करना क्यों ज़रूरी है?
हमें क्यों यहोवा से कुछ भी नहीं छिपाना चाहिए?
अय 34:22; नीत 28:13; यिर्म 23:24; 1ती 5:24, 25
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2रा 5:20-27—गेहज़ी ने अपना पाप छिपाने की कोशिश की, पर यहोवा ने एलीशा के सामने उसका खुलासा कर दिया
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प्रेष 5:1-11—हनन्याह और सफीरा का झूठ सामने आ गया और उन्हें यहोवा से सज़ा मिली
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