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अध्याय 91

यीशु लाज़र को ज़िंदा करता है

यीशु लाज़र को ज़िंदा करता है

यूहन्‍ना 11:38-54

  • लाज़र ज़िंदा हो जाता है

  • महासभा यीशु को मार डालने की साज़िश करती है

यीशु, मारथा और मरियम लाज़र की कब्र के पास जाते हैं। यह एक गुफा है और इसके द्वार पर एक बड़ा-सा पत्थर रखा हुआ है। यीशु कहता है, “पत्थर को हटाओ।” मारथा नहीं जानती कि यीशु क्या करने जा रहा है। वह कहती है, “प्रभु अब तक तो उसमें से बदबू आती होगी, उसे मरे चार दिन हो चुके हैं।” मगर यीशु उससे कहता है, “क्या मैंने तुझसे नहीं कहा था कि अगर तू विश्‍वास करेगी, तो परमेश्‍वर की महिमा देखेगी?”​—यूहन्‍ना 11:39, 40.

तब लोग पत्थर हटा देते हैं। फिर यीशु ऊपर स्वर्ग की तरफ देखकर प्रार्थना करता है, “पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तूने मेरी सुनी है। मैं जानता था कि तू हमेशा मेरी सुनता है। लेकिन यहाँ खड़ी भीड़ की वजह से मैंने ऐसा कहा ताकि ये यकीन कर सकें कि तूने ही मुझे भेजा है।” इस प्रार्थना से लोग जान पाते हैं कि यीशु जो भी करेगा परमेश्‍वर की शक्‍ति से करेगा। फिर यीशु ज़ोर से पुकारता है, “लाज़र, बाहर आ जा!” लाज़र बाहर निकल आता है। उसके हाथ-पैर कफन की पट्टियों में लिपटे हुए हैं। चेहरा कपड़े से लिपटा हुआ है। फिर यीशु कहता है, “इसे खोल दो और जाने दो।”​—यूहन्‍ना 11:41-44.

बहुत-से लोग यह चमत्कार देखकर यीशु पर विश्‍वास करते हैं। लेकिन कुछ लोग जाकर फरीसियों को यह सब बताते हैं। तब फरीसी और प्रधान याजक अदालत बुलाते हैं। यह उनकी महासभा है जो सबसे बड़ी अदालत है। महासभा में महायाजक कैफा भी है। अदालत में कुछ लोग कहते हैं, “हम क्या करें, यह आदमी तो बहुत-से चमत्कार कर रहा है? अगर हम इसे यूँ ही छोड़ दें, तो सब लोग इस पर विश्‍वास करने लगेंगे और रोमी आकर हमसे हमारी जगह और राष्ट्र दोनों छीन लेंगे।” (यूहन्‍ना 11:47, 48) जिन लोगों ने अपनी आँखों से यीशु को बहुत-से चमत्कार करते देखा था, उन्होंने अदालत को उसके चमत्कारों के बारे में बताया है। मगर वे खुश नहीं है कि परमेश्‍वर यीशु के हाथों कितना कुछ करवा रहा है। उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी और ओहदे की पड़ी है।

सदूकी नहीं मानते कि इंसान मरने के बाद कभी ज़िंदा हो सकता है। इसलिए उन्हें यह सुनकर झटका लगता है कि लाज़र ज़िंदा हो गया है। कैफा भी एक सदूकी है। वह महासभा में कहता है, “तुम कुछ नहीं जानते और यह नहीं सोचते कि यह तुम्हारे ही फायदे के लिए है कि एक आदमी सब लोगों की खातिर मरे, बजाय इसके कि सारा राष्ट्र नाश किया जाए।”​—यूहन्‍ना 11:49, 50; प्रेषितों 5:17; 23:8.

कैफा इस वक्‍त का महायाजक है, इसलिए परमेश्‍वर ने ही उससे यह बात कहलवायी। कैफा ने यह सोचकर वह बात कही कि यीशु को मार डाला जाना चाहिए, क्योंकि अगर लोग यीशु पर विश्‍वास करेंगे, तो वे धर्म गुरुओं की बात नहीं मानेंगे। लेकिन कैफा ने अनजाने में यह भविष्यवाणी कर दी कि यीशु लोगों की फिरौती के लिए अपनी जान देगा। सिर्फ यहूदियों के लिए नहीं, बल्कि ‘परमेश्‍वर के उन सभी बच्चों के लिए जो यहाँ-वहाँ तितर-बितर हैं।’​—यूहन्‍ना 11:51, 52.

कैफा महासभा को कायल कर देता है कि वह यीशु को मार डालने की साज़िश करे। क्या नीकुदेमुस, जो महासभा का एक सदस्य है, यह बात जाकर यीशु को बता देगा, क्योंकि वह बाकी लोगों की तरह यीशु का विरोध नहीं करता? हम फिलहाल नहीं जानते। लेकिन यीशु यरूशलेम का इलाका छोड़कर चला जाता है ताकि परमेश्‍वर ने जो समय तय किया है, उससे पहले उसकी मौत न हो।