भाग 3
यीशु गलील में दूर-दूर तक सेवा करता है
‘यीशु ने प्रचार करना शुरू किया, “स्वर्ग का राज पास आ गया है।”’—मत्ती 4:17
इस भाग में
अध्याय 21
नासरत के सभा-घर में यीशु
यीशु ने ऐसी क्या बात कही जिसे सुनकर उसके नगर के लोगों ने उसे मार डालने की कोशिश की?
अध्याय 22
चार चेले एक और तरह की मछुवाई करेंगे
यीशु चार चेलों को मछली पकड़ना छोड़कर एक और तरह की मछुवाई करने बुलाता है।
अध्याय 23
कफरनहूम में बड़े-बड़े चमत्कार
जब यीशु लोगों में से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है, तो वह दुष्ट स्वर्गदूतों को यह बताने नहीं देता कि वह परमेश्वर का बेटा है। वह क्यों उन्हें बताने नहीं देता?
अध्याय 24
गलील के कई इलाकों में सेवा
लोग यीशु के पास चंगा होने आते हैं, लेकिन यीशु बताता है कि वह चंगा करने के लिए नहीं बल्कि एक खास वजह से सेवा करता है।
अध्याय 25
यीशु एक कोढ़ी पर करुणा करता है
यीशु ने एक बात कही जिससे पता चलता है कि वह उन लोगों की कितनी परवाह करता है जिन्हें वह चंगा करता है।
अध्याय 29
क्या सब्त के दिन भले काम करना सही है?
जब यीशु एक ऐसे आदमी को चंगा करता है जो 38 साल से बीमार है, तो यहूदी क्यों यीशु को सताने लगते हैं?
अध्याय 30
परमेश्वर यीशु का पिता है
यहूदी सोचते हैं कि यीशु खुद को परमेश्वर के बराबर बता रहा है। मगर यीशु यह साफ बताता है कि परमेश्वर उससे बड़ा है।
अध्याय 31
चेले सब्त के दिन अनाज की बालें तोड़कर खाते हैं
यीशु क्यों कहता है कि वह “सब्त के दिन का प्रभु है?”
अध्याय 32
सब्त के दिन क्या करना सही है?
सदूकियों और फरीसियों की आपस में नहीं बनती। मगर एक काम करने के लिए वे मिल जाते हैं।
अध्याय 33
यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होती है
यीशु जिन्हें चंगा करता है उनसे क्यों सख्ती से कहता है कि वे दूसरों को न बताएँ कि वह कौन है और उसने क्या किया है?
अध्याय 36
एक सेनापति कमाल का विश्वास दिखाता है
यह सेना-अफसर ऐसा क्या करता है जिससे यीशु हैरान रह जाता है?
अध्याय 37
यीशु एक विधवा के बेटे को ज़िंदा करता है
जिन्होंने यह चमत्कार देखा है, वे इसके मायने समझते हैं।
अध्याय 38
यूहन्ना यीशु से कुछ जानना चाहता है
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला क्यों पूछता है कि क्या यीशु ही मसीहा है? क्या यूहन्ना को शक हो रहा है?
अध्याय 39
विश्वास न करनेवालों का बुरा होगा
यीशु कहता है कि न्याय के दिन सदोम का हाल कफरनहूम शहर के हाल से ज़्यादा सहने लायक होगा। यीशु ने ज़्यादातर कफरनहूम में रहकर सेवा की थी।
अध्याय 40
माफी के बारे में सीख
यीशु एक औरत से, जो शायद वेश्या थी, कहता है कि उसके पाप माफ किए गए हैं। क्या ऐसा कहकर यीशु यह कह रहा है कि एक इंसान परमेश्वर का कानून तोड़ दे तो भी कोई बात नहीं?
अध्याय 43
परमेश्वर के राज के बारे में मिसालें
यीशु स्वर्ग के राज के बारे में कुछ बातें समझाने के लिए आठ मिसालें बताता है।
अध्याय 44
यीशु एक तूफान को शांत करता है
यीशु ने आँधी और लहरों को शांत करके यह दिखाया कि उसके राज में इस तरह की विपत्तियाँ नहीं आएँगी।
अध्याय 45
यीशु बहुत-से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है
क्या एक इंसान में एक से ज़्यादा दुष्ट स्वर्गदूत समा सकते हैं?
अध्याय 46
यीशु के कपड़े छूने से बीमारी दूर
इस दिल छू लेनेवाली घटना से पता चलता है कि यीशु के पास कितनी शक्ति है और उसके दिल में कितनी करुणा है।
अध्याय 47
एक छोटी लड़की ज़िंदा होती है
एक छोटी लड़की की मौत हो गयी है। मगर यीशु कहता है कि वह बस सो रही है, इसलिए लोग उस पर हँसते हैं। वह क्या बात जानता है जो वे लोग नहीं जानते?
अध्याय 48
नासरत के लोगों का रवैया
नासरत के लोग यीशु की शिक्षाओं या चमत्कार की वजह से नहीं बल्कि किसी और कारण से उसे मसीहा नहीं मानते।
अध्याय 49
यीशु प्रेषितों को प्रचार करना सिखाता है
‘स्वर्ग का राज पास आ गया है,’ इस बात का असल में क्या मतलब है?
अध्याय 50
ज़ुल्मों के बावजूद प्रचार करने को तैयार
यीशु ने प्रेषितों से कहा कि जब उन पर ज़ुल्म किए जाएँगे, तो वे मौत से न डरें। मगर फिर उसने यह क्यों कहा कि वे भाग जाएँ?
अध्याय 51
किसी के जन्मदिन पर किसी की मौत
सलोमी के नाच से हेरोदेस इतना मोहित हो जाता है कि वह उससे वादा करता है कि वह उसे मुँह माँगी चीज़ दे देगा। वह एक दिल दहला देनेवाली चीज़ माँगती है। वह क्या है?
अध्याय 52
यीशु चमत्कार से हज़ारों को खिलाता है
यीशु का यह चमत्कार इतना अनोखा है कि खुशखबरी की चारों किताबों में इस बारे में लिखा है।
अध्याय 53
ऐसा राजा जो आँधी को शांत कर सकता है
जब यीशु पानी पर चलता है और आँधी को शांत करता है, तो प्रेषितों को क्या-क्या सीख मिलती है?
अध्याय 54
यीशु—“जीवन देनेवाली रोटी”
जब लोग काफी दूर से ढूँढ़ते हुए यीशु के पास आते हैं, तो वह क्यों फटकारता है?
अध्याय 55
यीशु की बातें कई लोगों को घिनौनी लगती हैं
यीशु की एक बात कई चेलों को इतनी घिनौनी लगती है कि वे उसके साथ चलना छोड़ देते हैं।
अध्याय 56
इंसान को दूषित करनेवाली बातें
क्या बात एक इंसान को दूषित करती है? उसके मुँह में जानेवाली चीज़ या उसके मुँह से निकलनेवाली बातें?
अध्याय 57
एक लड़की और एक बधिर आदमी चंगे हुए
जब यीशु एक औरत के राष्ट्र के लोगों को पिल्ले कहता है, तो वह क्यों बुरा नहीं मानती?
अध्याय 58
रोटियों का चमत्कार, खमीर के बारे में चेतावनी
यीशु के चेले बाद में समझ जाते हैं कि वह किस खमीर की बात कर रहा है।
अध्याय 61
यीशु एक लड़के में से दुष्ट स्वर्गदूत को निकालता है
यीशु बताता है कि विश्वास की कमी की वजह से एक लड़का ठीक नहीं हो पाया। किसमें विश्वास की कमी थी?
अध्याय 63
पाप न करने और ठोकर न खिलाने की सलाह
यीशु बताता है कि अगर भाइयों के बीच कोई बड़ी समस्या उठे, तो उसे निपटाने के लिए कौन-से तीन कदम उठाने चाहिए।
अध्याय 64
हमें दूसरों को माफ क्यों करना चाहिए?
यीशु एक बेरहम दास की मिसाल बताकर समझा रहा है कि परमेश्वर चाहता है कि हम दूसरों को ज़रूर माफ कर दें।
अध्याय 65
यीशु यरूशलेम जाते समय सिखाता है
तीन लोगों से यीशु की बातचीत होती है। यीशु बताता है कि किन वजहों से एक व्यक्ति यीशु का चेला बनने से पीछे हट सकता है।