यहोवा के साक्षी अपनी उपासना में क्रॉस का इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
बहुत-से लोगों का मानना है कि पूरी दुनिया में क्रॉस ही मसीहियों की पहचान है। हालाँकि यहोवा के साक्षी भी मसीही हैं, और यीशु को मानते हैं, फिर भी वे उपासना में क्रॉस का इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
पहला कारण तो यह है कि खुद बाइबल कहती है कि यीशु की मौत क्रॉस पर नहीं बल्कि लकड़ी के एक सीधे लट्ठे पर हुई थी। इसके अलावा बाइबल मसीहियों को आगाह करती है कि “मूर्तिपूजा से दूर भागो।” अपनी उपासना में क्रॉस का इस्तेमाल करना मूर्तिपूजा करने के बराबर है।—1 कुरिंथियों 10:14; 1 यूहन्ना 5:21.
गौर कीजिए कि यीशु ने सच्चे मसीहियों की क्या पहचान बतायी थी। उसने कहा: “अगर तुम्हारे बीच प्यार होगा, तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे चेले हो।” (यूहन्ना 13:34, 35) यीशु ने ज़ाहिर किया कि दूसरों की खातिर खुद को कुरबान कर देनेवाला प्यार ही उसके सच्चे चेलों या शिष्यों की पहचान है, ना कि क्रॉस या कोई मूर्ति।